Exclusive: भाबी जी घर पर है के विभूति नारायण ने खोले रियल लाइफ के राज, नहीं भूल सकता वो दिन जब भूखा रहना पड़ा

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अमर उजाला: आपने भाबी जी घर पर है में कई किरदार निभाए, उनमें कौनसा किरदार आपको ज्यादा पसंद है ?
आसिफ शेख: भाबी जी घर पर है में 325 से अधिक किरदार निभाए। यह तो दर्शक ही बता सकते हैं कि कौनसा किरदार सबसे अच्छा लगा। सभी किरदार पूरी सिद्दत से किए और सभी मुझे बहुत पसंद हैं। आगे भी किरदारों को उसी सिद्दत से करता रहूंगा। 
अमर उजाला: आप दिल्ली में पैदा हुए, आज की दिल्ली कैसी है ?
आसिफ शेख: दिल्ली बदली-बदली सी लगती है। दिल्ली में अब बहुत भीड़ हो गई। दिल्ली वो नहीं है, जिसे में छोड़के गया। मेरी बहनें दिल्ली में रहती हैं, स्कूल टाइम के दोस्त रहते हैं, पर अब ज्यादा जाना नहीं हो पाता।
अमर उजाला: भाबी जी घर पर है की ख्याती को देखते हुए क्या आप की फ्रैंड्स फोलोईंग अभिनेता शाहरुख खान से कहीं ज्यादा है ?
आसिफ शेख: शाहरुख खान बहुत बड़े हीरो हैं, उनसे तुलना नहीं की जा सकती है। उन्हें देखने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं, पर हम टीवी पर आते हैं, जहां पैसा खर्च नहीं करना पड़ता। हमारी शो की रीच उनसे बेहतर है। इस शो के लिए विदेशों से रिएक्शन आते हैं। एक साऊदी लड़की मुझसे मिली और बोली कि हमारे यहां आपका सीरियल डब करके दिखाया जाता है। टेलीविजन पर भाबी जी घर पर है से ज्यादा कोई पोपुलर शो नहीं है। 

आसिफ शेख से बातचीत

अमर उजाला: भाबी जी घर पर है में आपको विभूति नारायण नाम से बुलाते हैं, आप अपना रियल नाम कभी भूल तो नहीं जाते ?

आसिफ शेख: मैं आसिफ शेख से पहले विभूति नारायण हूं, जनता ने विभूति को बहुत प्यार दिया है। इसलिए विभूति नाम को याद रखना बहुत जरुरी है। इस नाम ने मुझे जो फेम दिया, वह कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

अमर उजाला: भाबी जी घर पर है में क्या बदलाव होगा ?

आसिफ शेख: शो में थकावट न आए, इसलिए जगह बदलते हैं, कंटेंट बदलते हैं। आठ साल से चले आ रहे सीरियल के कंटेंट में बदलाव होगा, ताकि हमेशा दर्शक इससे जुड़े रहें।

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अमर उजाला: हंसाना क्या बड़ा मुश्किल काम है ? 

आसिफ शेख: आपमें कॉमेडी होनी चाहिए, उसे किसी में क्रिएट नहीं किया जा सकता है। कॉमेडी का कीड़ा आप में होना चाहिए, आप तभी किसी को हंसा सकते हैं। 

अमर उजाला: कोरोना वाले दो साल में कॉमेडी कैसे चेलेंजिंग रही ?

आसिफ शेख: भाबी जी घर पर है की टीम ने अपनी जान दाव पर लगा कर दर्शकों के लिए कॉमेडी दी। लोगों के दिलों से कोरोना का डर भगाया। कोरोना का वह बुरा समय गुजर गया।

अमर उजाला: भाबी जी घर पर हैं में ब्रज, अवधी, कनपुरिया किस को तब्जजो दी जाती है ?

आसिफ शेख: सीरियल यूपी का बेस रखता है, उसमें यूपी का कल्चर दिखाते हैं। चाहे फिर वह ब्रज हो या अवधी ।

अमर उजाला: भाबी जी घर पर हैं के अलावा और क्या कर रहे हैं ?

आसिफ शेख: मैंने अभी किसी का भाई किसी की जान फिल्म पूरी की है, जो अब रिलीज पर है। महीने के 24 दिन लगभग भाबी जी घर पर है की शूटिंग में निकल जाता है। मेरा इस शो पर सौ प्रतिशत फोकस है।

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