पूर्वोत्तर रेलवे में ऑटोमोबाइल की ढुलाई के लिए पहली हाईस्पीड मालगाड़ी तैयार की जा रही है। पुराने हो चुके ट्रेनों के कोच को उच्चीकृत करके हाईस्पीड गुड्स वैगन के रूप में तब्दील किया गया है। यह मालगाड़ी 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। खास बात यह है कि इसमें सीधे प्लेटफॉर्म पर वाहनों को उतारने की सुविधा है।
रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को सौ पुराने वैगन को गुड्स हाईस्पीड यान में तब्दील करने का लक्ष्य दिया है। रेल प्रशासन ने 60 यान को गोरखपुर यांत्रिक कारखाना और 40 को इज्जतनगर कारखाना में उच्चीकृत करने के लिए आवंटित किया है। पहला वैगन यांत्रिक कारखाना में तैयार कर लिया गया है।
उच्चीकृत किए गए यान में कई खूबियां हैं। मसलन, इसमें रैंप और स्लाइडिंग डोर लगाए गए हैं, ताकि प्लेटफॉर्म पर ही वाहनों को आसानी से उतारा जा सके। अभी तक सिर्फ एक निकास द्वार होता था। इसके अलावा यान में एक खिड़की भी बनाई गई है, इससे पर्याप्त रोशनी भी रहेगी।
उच्चीकृत किए गए वैगन दोगुना माल ले जा सकेंगे। ऑटोमोबाइल के अलावा अन्य सामानों की ढुलाई भी की जा सकेगी।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे पंकज कुमार सिंह ने कहा कि ऑटोमोबाइल के परिवहन के लिए रेलवे द्वारा पुराने अनुपयोगी आईसीएफ कोच को परिवर्तित कर एनएमजी वैगन बनाए जा रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे को 100 हाई स्पीड एनएमजी वैगन बनाने हैं। इनकी गति सीमा 110 किमी प्रतिघंटा होगी, जिससे ऑटोमोबाइल का परिवहन तीव्र गति से हो सकेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे में ऑटोमोबाइल की ढुलाई के लिए पहली हाईस्पीड मालगाड़ी तैयार की जा रही है। पुराने हो चुके ट्रेनों के कोच को उच्चीकृत करके हाईस्पीड गुड्स वैगन के रूप में तब्दील किया गया है। यह मालगाड़ी 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। खास बात यह है कि इसमें सीधे प्लेटफॉर्म पर वाहनों को उतारने की सुविधा है।
रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को सौ पुराने वैगन को गुड्स हाईस्पीड यान में तब्दील करने का लक्ष्य दिया है। रेल प्रशासन ने 60 यान को गोरखपुर यांत्रिक कारखाना और 40 को इज्जतनगर कारखाना में उच्चीकृत करने के लिए आवंटित किया है। पहला वैगन यांत्रिक कारखाना में तैयार कर लिया गया है।
उच्चीकृत किए गए यान में कई खूबियां हैं। मसलन, इसमें रैंप और स्लाइडिंग डोर लगाए गए हैं, ताकि प्लेटफॉर्म पर ही वाहनों को आसानी से उतारा जा सके। अभी तक सिर्फ एक निकास द्वार होता था। इसके अलावा यान में एक खिड़की भी बनाई गई है, इससे पर्याप्त रोशनी भी रहेगी।