मेरठ में 45 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री आवास योजना लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। सजग प्रहरी संस्था की शिकायत पर 47 आवासों की जांच की गई, जिसमें लापरवाही का खुलासा हुआ है। मकानों की जियो टैगिंग में गड़बड़ की गई है। एक ही प्लॉट की फोटोग्राफी कर कई भवन दर्शाए गए हैं। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी गई है।
पीएम आवास योजना के तहत जिन गरीब लोगों के पास 30 वर्ग मीटर भूमि है और उनके पास अपना मकान नहीं है तो ऐसे परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ मिलता है। मकान बनाने के लिए 2.50 लाख रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। इस योजना के तहत 20 हजार आवास बनाए जाने हैं। लगभग तीन हजार मकानों पर काम चल रहा है।
योजना के लिए पात्र परिवार, भूमि के चयन से लेकर भवन निर्माण तक निगरानी रखने की जिम्मेदारी प्रशासन और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कंसल्टेंसी की है। इसकी शिकायत सजग प्रहरी सामाजिक संस्था के जिलाध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने 11 नवंबर 2022 को कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे से की थी। कमिश्नर के निर्देश पर डीएम दीपक मीणा ने सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. अमरेश कुमार और सहायक नगरायुक्त इंद्रविजय को जांच सौंपी थी।
बगैर पिलर के ही बनाया कमरा
जाकिर हुसैन कॉलोनी निवासी रेशमा पत्नी अशरफ ने बगैर पिलर के एक कमरा बनाया है। संस्था ने एक ही प्लॉट पर रेशमा व मोहम्मद दीन की जियो-टैगिंग की है। रेशमा ने अपना मकान किराये पर दिया हुआ है। प्रतीत होता है कि दोनों लाभार्थियों के आवास अन्य स्थानों पर हैं।
कभी भी गिर सकता है मकान उज्ज्वल गार्डन फतेहउल्लापुर निवासी इकबाल पुत्र शौकत अली ने पीएम आवास योजना में निर्माण सामग्री घटिया लगाई हुई है। यह मकान कभी भी गिर सकता है। जांच टीम ने लाभार्थी का नाम डीपीआर से खारिज करने की सलाह दी है।
दूसरे की भूमि पर की फर्जी जियो टैगिंग उज्ज्वल गार्डन फतेहउल्लापुर निवासी नाहिद पुत्र अब्दुल खालिद के आवास की जांच में खुलासा हुआ है कि संस्था ने नाहिद के मकान की जियो टैगिंग सूची जियाउलहक व शमशाद की भूमि पर फर्जी तरीके से कर दी है।
मानकों के अनुरूप छत का निर्माण नहीं
भगवतपुरा निवासी कमलेश के मकान की छत मानकों के अनुसार नहीं मिली। वहीं, गणेशपुरी निवासी राजरानी के मकान की छत मानकों के अनुरूप नहीं है।
नहीं बनवाया मकान, खाते में भेज दी धनराशि किशनपुरा निवासी सुमन किराये के मकान में रहती हैं। इन्होंने आवास का निर्माण नहीं कराया। इनकी सास राजबाला के मकान पर जियो टैगिंग कर दो लाख रुपये जारी कर दिए।
(जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा, यह सिर्फ उदाहरणभर हैं। सभी 47 मकानों में इसी तरह की गड़बड़ी की गई है।)
शासन द्वारा चयनित संस्था पर निगरानी की जिम्मेदारी थी, उन्होंने अपना काम सतर्कता से नहीं किया है। जियो टैगिंग में लापरवाही की गई है। -चंद्रभान सिंह, परियोजना अधिकारी डूडा। शिकायत पर योजना के 47 आवासों की जांच की है। जियो टैगिंग में लापरवाही समेत कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। आरोपियों पर शासन स्तर से कार्रवाई होगी। जांच रिपोर्ट डीएम के माध्यम से शासन को भेजी जा चुकी है। -डॉ. अमरेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट।
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मेरठ में 45 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री आवास योजना लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। सजग प्रहरी संस्था की शिकायत पर 47 आवासों की जांच की गई, जिसमें लापरवाही का खुलासा हुआ है। मकानों की जियो टैगिंग में गड़बड़ की गई है। एक ही प्लॉट की फोटोग्राफी कर कई भवन दर्शाए गए हैं। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी गई है।
पीएम आवास योजना के तहत जिन गरीब लोगों के पास 30 वर्ग मीटर भूमि है और उनके पास अपना मकान नहीं है तो ऐसे परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ मिलता है। मकान बनाने के लिए 2.50 लाख रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। इस योजना के तहत 20 हजार आवास बनाए जाने हैं। लगभग तीन हजार मकानों पर काम चल रहा है।
योजना के लिए पात्र परिवार, भूमि के चयन से लेकर भवन निर्माण तक निगरानी रखने की जिम्मेदारी प्रशासन और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग कंसल्टेंसी की है। इसकी शिकायत सजग प्रहरी सामाजिक संस्था के जिलाध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने 11 नवंबर 2022 को कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे से की थी। कमिश्नर के निर्देश पर डीएम दीपक मीणा ने सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. अमरेश कुमार और सहायक नगरायुक्त इंद्रविजय को जांच सौंपी थी।