वित्त मंत्री ने लोकसभा में पेश किया नया इनकम टैक्स बिल

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया और लोकसभा अध्यक्ष से इसे सदन की प्रवर समिति को भेजने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात फरवरी को नये आयकर विधेयक को मंजूरी दी थी, जो छह दशक पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा। सदन में विधेयक पेश किए जाने का तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय समेत कुछ विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया।

वित्त मंत्री ने सदस्यों की आपत्तियों के बीच विधेयक सदन में प्रस्तुत किया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसे सदन की प्रवर समिति को भेजने का अनुरोध किया। नया विधेयक प्रत्यक्ष कर कानून को समझने में आसान बनाने और कोई नया कर बोझ नहीं लगाने की एक कवायद है। इसमें प्रावधान और स्पष्टीकरण या कठिन वाक्य नहीं होंगे। नए विधेयक की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में की थी।

छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेने वाला नया आयकर विधेयक प्रत्यक्ष कर कानूनों को पढ़ने-समझने में आसान बनाएगा, अस्पष्टता दूर करेगा और मुकदमेबाजी को कम करेगा। नया अधिनियम उन सभी संशोधनों और धाराओं से मुक्त होगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं। साथ ही इसकी भाषा ऐसी होगी कि लोग इसे कर विशेषज्ञों की सहायता के बिना समझ सकेंगे।

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नए इनकम टैक्स बिल की बड़ी बातें
01- नए बिल के ड्राफ्ट में 536 सेक्शन, 16 अनुसूचियां और 23 चैप्टर दिए गए हैं। छूट को लेकर नियमों को अलग-अलग सेक्शन में जानकारी दी गई है।
02- न्यू इनकम टैक्स बिल, 2025 में 536 धाराएं शआमिल हैं। जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 में 298 धाराएं हैं। मौजूदा कानून में 14अनुसूचियां हैं जबकि नए में 16 रहेंगी।
03-Income Tax Act, 1961 की जगह आने वाले नए इनकम टैक्स बिल में 622 पन्ने हैं जबकि मौजूदा विधेयक में 880 पन्ने हैं। नए बिल में अधिकतर सब-सेक्शन को खत्म कर दिया गया है।
04- नए इनकम टैक्स बिल में अब किसी व्यक्ति के लिए (क), हिंदू विभाजित परिवार के लिए (ख) व लोगों के समूह के लिए (ग) जैसे सबसेक्शन की जगह टैक्स कैलकुलेशन टैक्स स्लैब के मुताबिक किया गया है।
05- डिफेंस सेक्टर जैसे आर्मी, पैरा फोर्स और अन्य कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी पर टैक्स में छूट दी गई है।
06- अग्निपथ योजना के तहत किए जाने वाले योगदान पर भी नए बिल में कोई टैक्स नहीं लगेगा। अभी भी ऐसा ही नियम है।
07- होम लोन, मेडिकल, पीएफ, हायर एजकेशन पर लोन, इलेक्ट्रिक वाहन और इंश्योरेंस पर टैक्स छूट को बरकरार रखा गया है।

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