फिरोजाबाद में आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षामित्र ने फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली। शनिवार को शिक्षामित्र का शव फंदे से लटका देख परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
नसीरपुर थाना क्षेत्र के गांव गढ़सान निवासी संतोष यादव (40) पहले सरकारी अध्यापक था। कुछ समय नौकरी करने के बाद उसे शिक्षामित्र बना दिया गया। शिक्षामित्र बनने के बाद वह मानसिक रुप से परेशान चल रहा था। आर्थिक तंगी से भी जूझ रहा था। उसके दो बेटे और एक बेटी है।
परिजनों ने बताया कि आर्थिक संकट से परेशान होकर संतोष ने शुक्रवार रात घर के अंदर कमरे में रस्सी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। युवक के शव को फंदे पर लटका देख परिवार में चीख-पुकार मच गई। आसपास के ग्रामीण एकत्रित हो गए। पुलिस को सूचना दी गई।
ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़कर उतारा शव
पुलिस मौके पर पहुंचती तब तक लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतार लिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।
थानाध्यक्ष नसीरपुर गगन गौड का कहना है कि युवक ने फंदे पर लटकर कर आत्महत्या की है। वह पहले सरकारी शिक्षक था बाद में शिक्षा मित्र बन गया। इसके चलते वह मानसिक व आर्थिक रुप से परेशान रहता था। शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
फिरोजाबाद में आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षामित्र ने फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली। शनिवार को शिक्षामित्र का शव फंदे से लटका देख परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
नसीरपुर थाना क्षेत्र के गांव गढ़सान निवासी संतोष यादव (40) पहले सरकारी अध्यापक था। कुछ समय नौकरी करने के बाद उसे शिक्षामित्र बना दिया गया। शिक्षामित्र बनने के बाद वह मानसिक रुप से परेशान चल रहा था। आर्थिक तंगी से भी जूझ रहा था। उसके दो बेटे और एक बेटी है।
परिजनों ने बताया कि आर्थिक संकट से परेशान होकर संतोष ने शुक्रवार रात घर के अंदर कमरे में रस्सी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। युवक के शव को फंदे पर लटका देख परिवार में चीख-पुकार मच गई। आसपास के ग्रामीण एकत्रित हो गए। पुलिस को सूचना दी गई।