Flood in Chambal: आगरा के बाह-पिनाहट में बाढ़ से बेकाबू हो रहे हालात, बीहड़ के टीलों पर कट रही रात

0
46

[ad_1]

आगरा की बाह तहसील के गांव पुरा भगवान में बाढ़ से हालात बेकाबू हो रहे हैं। बीहड़ में बसा यह गांव चारों तरफ बाढ़ से घिर गया है। घरों में पानी भर गया है। कई मकान डूब चुके हैं। बाढ़ से जान बचाने के लिए लोगों ने टीलों पर डेरा डाल लिया। तीन दिन से यहीं रात काट रहे हैं। संकट के बीच ग्रामीण खानपान की समस्या से जूझ रहे हैं। ज्यादातर राशन घरों में रह गया है, थोड़ा बहुत राशन लेकर आए हैं, वह भी खत्म होने वाला है।

पुरा भगवान गांव के बाहर टीलों पर 500 से अधिक लोग हैं। उनके चारों तरफ पानी है, लेकिन पीने को पानी नहीं। उनके कंठ प्यासे हैं। 10 किमी दूर से पानी लाते हैं, लेकिन पूर्ति नहीं हो रही। मजबूरी में बाढ़ का पानी ही छानकर पीना पड़ रहा है। उधर, टीलों से ही गांव में डूबते हुए अपने मकानों को देख उनके आंसू छलक आते हैं। 

पिनाहट में बाढ़ ने 26 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। चंबल शाम छह बजे खतरे के निशान से सात मीटर (करीब 21 फुट) ऊपर 137 मीटर पर पहुंच गई। नदी में 26.48 लाख क्यूसेक पानी की आवक है, जिससे शुक्रवार को हालात और बिगड़ने की आशंका है। इससे पहले 1996 में सर्वाधिक जलस्तर 136.60 मीटर रहा था। जिसके 26 साल बाद बाह, पिनाहट और जैतपुर तीन ब्लॉक में 38 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। 

बीहड़ में बसे 20 गांव में हालात खराब हैं। रास्तों पर 10 से 20 फुट तक पानी भरा है। घर डूब गए हैं। लोग सामान लेकर छतों पर फंसे हुए हैं। बाढ़ग्रस्त गांव के लोग ऊंचे टीलों पर डेरा डाल रहे हैं। जबकि सैंकड़ों बुजुर्ग, बच्चे व महिलाएं बाढ़ से घिरे गांव में फंसे हुए हैं। चंबल का रौद्र रूप देखकर एक तरफ प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैं, दूसरी तरफ राहत व बचाव के इंतजाम धूल चाट रहे हैं।

यह भी पढ़ें -  उमेश पाल हत्याकांड: अतीक के करीबी माशूकउद्दीन प्रधान और कवी अहमद के मकान पर चला बुलडोजर, भारी फोर्स तैनात

पुरा भगवान गांव की सड़क पूरी तरह पानी में डूब गई। टिन्नैतपुर तक वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है। ट्रैक्टर और बाइक से ही इस रास्ते से गुजर सकते हैं। बृहस्पतिवार को अमर उजाला की टीम इसी रास्ते से होकर गांव पहुंची। गांव से करीब 500 मीटर पहले टीलों पर कई परिवार तंबू लगाकर रह रहे हैं। बृहस्पतिवार को यहां प्रधान ने लंगर लगाया, तो पेट की आग बुझी। 

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से इनके खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। टीले से एक किमी दूर उनका गांव चमक रहा है। रास्ता पानी में डूबा है। गांव तक पहुंचने के लिए एक नाव है। तीन दिन से अंधेरे में डूबे इस गांव में 15 मकान जलमग्न हो चुके हैं। टीले पर मिले गांव के करन सिंह ने बताया कि पीने को पानी नहीं है। पुरा बागराज के प्रधान शेर बहादुर सिंह उर्फ बदले जादौन ने बताया कि मैं अपनी तरफ से ग्रामीणों के लिए खाने की व्यवस्था कर रहा हूं। 

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here