कैरीबियाई सागर। समुद्र अपने भीतर न जाने कितने ऐसे राज छिपाए बैठे है, जिन्हें इंसान आज तक नहीं जान पाया है। लेकिन इन राजों को जानने के लिए इंसान भरसक प्रयास कर रहा है। समुद्र में अंजान जीव-जंतुओं के साथ ही बड़ी तादाद में खजाना होने का भी दावा किया जाता रहा है। क्योंकि पहले के समय में एक देश से दूसरे देश जाने का समुद्र ही एकमात्र रास्ता हुआ करता था।
ऐसे में तूफान और अन्य वजहों से हीरे जवाहरात से भरे न जाने कितने जहाज समुद्र के गहरे पानी में समा गए। जिनका सालों तक किसी को कोई पता नहीं चल सका। लेकिन आज भी उनकी खोजबीन जारी है। तो चलिए आज आपको ऐसे ही एक जहाज के बारे में बताते हैं। दरअसल, साल 1708 में स्पेन और ब्रिटेन के बीच चल रहे भीषण युद्ध के दौरान स्पेन का जहाज सैन जोस गैलियन कैरीबियाई सागर में बारू द्वीप के पास समुद्र में डूब गया था।
जिसमें तोपें, सोने के सिक्के, 200 टन चांदी, हीरे-पन्ने और जवाहरात लदे हुए थे। जिनकी कीमत 1600 अरब रुपयों से ज्यादा बताई गई थी। लेकिन किसी भी देश ने सदियों तक यह कैरीबियाई सागर की तलहटी में गुम हुए इस जहाज को तलाशने की कोशशि नहीं की। हालांकि दशकों बाद एक बार फिर इसकी चर्चा शुरू हुई और जहाज को तलाशना शुरू किया गया।
इसी बीच अखिरकार दुनिया को वह जगह पता चल गई, जहां जहाज डूबा था। लेकिन अब चार देश इस जहाज पर कब्जा जमाने की फिराक में हैं। अमेरकिा के कुछ गोताखोरों सी-सर्च-आर्मडाहास का दावा है कि उन्होंने सबसे पहले उस जगह का पता लगाया, जहां खजाने से भरा सैन जोस गैलियन जहाज डूबा था और इसकी जानकारी इस शर्त पर कोलंबिया सरकार से साझा की थी कि उन्हें खजाने का आधा हिस्सा चाहिए।
उसके बाद 2015 में कोलंबिया की सरकार ने ऐलान कर दिया कि उन्होंने जहाज का मलबा ढूंढ लिया है। वहीं अब खजाने के चार दावेदार सामने आ गए है। जिनमें कोलंबिया, स्पेन, बोलीविया और अमेरिकी गोताखोर शामिल हैं। स्पेन का कहना है कि यह जहाज हमारा है।
कोलंबिया जहाज को ढूंढने का दावा कर रहा है। जबकि बोलीविया भी अपने इलाके में जहाज के होने की बात कह रहा है। वहीं कोलंबिया सरकार का कहना है कि जहां जहाज डूबा है, उसे प्रोटेक्टेड ऑर्कियोलॉजकिल एरयिा घोषति करते हुए पवित्र स्थान बना दिया गया है और जल्द ही डूबे जहाज को पानी के ऊपर ले आएंगे।