Fraud : कोआपरेटिव बैंक हेराफेरी में लोक भवन के सेक्शन आफिसर सहित पांच गिरफ्तार, एसटीएफ ने दबोचा

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गिरफ्तार हुए आरोपी।

गिरफ्तार हुए आरोपी।
– फोटो : amar ujala

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उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में की पड़ताल में पांच लोगों की भूमिका सामने आई। एसटीएफ ने लोक भवन में तैनात सेक्शन आफिसर रामराज और महमूदाबाद के सहायक बैंक मैनेजर कर्मवीर सिंह  सहित पांच लोगों को सोमवार देर शाम को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने की भूमिका पाई गई है। इस मामले में एसटीएफ ने भी अपनी पड़ताल शुरू कर दी है।

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह  के मुताबिक पकड़े गये आरोपियों में लोक भवन में तैनात सेक्शन आफिसर रामराज, आशियाना निवासी सीतापुर महमूदाबाद में कोआपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक कर्मवीर सिंह, शाहजहांपुर का ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, बालागंज लखनऊ के आकाश कुमार श्रीवास्तव और रायबरेली रोड निवासी भूपेंद्र शामिल हैं। पूछताछ में पता चला है कि पांचों को पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे ने गिरोह में जोड़ा था।  इसके लिए गिरोह ने कई जगहों पर मीटिंग भी की थी। योजनाबद्ध तरीके से आरएस दुबे साइबर एक्सपर्ट दो से तीन युवकों के साथ बैंक में घंटों बैठते थे, बैंक में अपने लैपटाप लगाकर काम भी करते थे।

इसी दौरान आरएस दुबे और गिरोह से जुड़े साइबर एक्सपर्ट व अन्य लोगों ने बैंक के दो कर्मचारियों को यूजर आइडी और पासवर्ड ले लिया। इसके बाद 146 करोड़ रुपये बिल्डर व ठेकेदार समेत आठ बैंक खातों मे ट्रांसफर किए थे। वहीं इस मामले में साइबर क्राइम एसपी त्रिवेणी सिंह व उनकी टीम ने पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे, बिल्डर और ठेकेदार के भाई सोलर कंपनी के मालिक सुखसागर सिंह चौहान को वारदात के दो दिन बाद गिरफ्तार किया। फिर एक साइबर हैकर सतीश को दबोच लिया था।

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उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में की पड़ताल में पांच लोगों की भूमिका सामने आई। एसटीएफ ने लोक भवन में तैनात सेक्शन आफिसर रामराज और महमूदाबाद के सहायक बैंक मैनेजर कर्मवीर सिंह  सहित पांच लोगों को सोमवार देर शाम को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने की भूमिका पाई गई है। इस मामले में एसटीएफ ने भी अपनी पड़ताल शुरू कर दी है।

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह  के मुताबिक पकड़े गये आरोपियों में लोक भवन में तैनात सेक्शन आफिसर रामराज, आशियाना निवासी सीतापुर महमूदाबाद में कोआपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक कर्मवीर सिंह, शाहजहांपुर का ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, बालागंज लखनऊ के आकाश कुमार श्रीवास्तव और रायबरेली रोड निवासी भूपेंद्र शामिल हैं। पूछताछ में पता चला है कि पांचों को पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे ने गिरोह में जोड़ा था।  इसके लिए गिरोह ने कई जगहों पर मीटिंग भी की थी। योजनाबद्ध तरीके से आरएस दुबे साइबर एक्सपर्ट दो से तीन युवकों के साथ बैंक में घंटों बैठते थे, बैंक में अपने लैपटाप लगाकर काम भी करते थे।

इसी दौरान आरएस दुबे और गिरोह से जुड़े साइबर एक्सपर्ट व अन्य लोगों ने बैंक के दो कर्मचारियों को यूजर आइडी और पासवर्ड ले लिया। इसके बाद 146 करोड़ रुपये बिल्डर व ठेकेदार समेत आठ बैंक खातों मे ट्रांसफर किए थे। वहीं इस मामले में साइबर क्राइम एसपी त्रिवेणी सिंह व उनकी टीम ने पूर्व प्रबंधक आरएस दुबे, बिल्डर और ठेकेदार के भाई सोलर कंपनी के मालिक सुखसागर सिंह चौहान को वारदात के दो दिन बाद गिरफ्तार किया। फिर एक साइबर हैकर सतीश को दबोच लिया था।



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