Ganesh Chaturthi 2022: भगवान गणेश को गंगाजल से कराएं स्नान, मोदक का लगाएं भोग, जानें पूजा विधि

0
25

[ad_1]

ख़बर सुनें

गणेश चतुर्थी भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस बार 31 अगस्त (बुधवार) को गणेश चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश की घर-घर में स्थापना की जाती है। इसी के साथ गणेश उत्सव को शुभारंभ हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि प्रात: काल स्नान के बाद गणेश जी की पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर सिंदूर या रोली से मिश्रित अक्षत का अष्टदल का निर्माण करें। उसके मध्य में गणपति जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। 

इस दिशा को ओर मुंह कर बैठें 

उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम भगवान गणेश को स्नान के लिए थोड़ा सा गंगाजल छिड़क दें। स्वयं पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठे। श्री गणेश जी को केसर चंदन और अक्षत से तिलक करें। सुंदर वस्त्र आभूषण धारण कराएं। पुष्पमाला से श्रृंगार करें श्री गणेश जी के दाहिने हाथ की ओर शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। दोनों हाथ जोड़कर मंत्रों का उच्चारण करते हुए रिद्धि सिद्धि सहित भगवान श्री गणपति जी का आह्वान करें। 

इस मंत्र का उच्चारण कर शुरू करें पूजा 

ज्योतिषाचार्य ने कहा कि भगवान श्री गणेश जी को कलावा और जनेऊ धारण कराएं। ओम गं गणपतए नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान श्री गणेश की पूजा प्रारंभ करें। लड्डू, केले, नैवेद्य मेवा, फल, पान, सुपारी, इलायची, मिश्री आदि का भोग लगाएं। प्रसन्न मन से धूप दीप से आरती करें और चरण छूकर आशीवार्द लें। विधि विधान के साथ गणपित की स्थापना से सारे मनोरक्ष पूरे होंगे।

यह भी पढ़ें -  RRB NTPC: रेल रोकने की धमकी के बाद शिकोहाबाद रेलवे स्टेशन बना छावनी, टूंडला में भी रही कड़ी सुरक्षा

विस्तार

गणेश चतुर्थी भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस बार 31 अगस्त (बुधवार) को गणेश चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश की घर-घर में स्थापना की जाती है। इसी के साथ गणेश उत्सव को शुभारंभ हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि प्रात: काल स्नान के बाद गणेश जी की पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर सिंदूर या रोली से मिश्रित अक्षत का अष्टदल का निर्माण करें। उसके मध्य में गणपति जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। 

इस दिशा को ओर मुंह कर बैठें 

उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम भगवान गणेश को स्नान के लिए थोड़ा सा गंगाजल छिड़क दें। स्वयं पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठे। श्री गणेश जी को केसर चंदन और अक्षत से तिलक करें। सुंदर वस्त्र आभूषण धारण कराएं। पुष्पमाला से श्रृंगार करें श्री गणेश जी के दाहिने हाथ की ओर शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। दोनों हाथ जोड़कर मंत्रों का उच्चारण करते हुए रिद्धि सिद्धि सहित भगवान श्री गणपति जी का आह्वान करें। 

इस मंत्र का उच्चारण कर शुरू करें पूजा 

ज्योतिषाचार्य ने कहा कि भगवान श्री गणेश जी को कलावा और जनेऊ धारण कराएं। ओम गं गणपतए नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान श्री गणेश की पूजा प्रारंभ करें। लड्डू, केले, नैवेद्य मेवा, फल, पान, सुपारी, इलायची, मिश्री आदि का भोग लगाएं। प्रसन्न मन से धूप दीप से आरती करें और चरण छूकर आशीवार्द लें। विधि विधान के साथ गणपित की स्थापना से सारे मनोरक्ष पूरे होंगे।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here