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गोरखपुर खाद।
– फोटो : विवेक शुक्ला।
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गेहूं की बुवाई शुरू है, लेकिन बाजार में खाद की किल्लत हो गई है। खाद के लिए किसान साधन सहकारी समितियों और निजी दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं। कई किसान आरोप लगा रहे हैं कि निजी दुकानदार डीएपी और यूरिया की अधिक कीमत वसूल रहे हैं। वहीं, कृषि विभाग इस मामले से ही अनभिज्ञ है।
15 नवंबर के बाद गेहूं की बुवाई तेज हो जाती है। जिन किसानों ने पहले खाद, बीज की व्यवस्था कर ली है वह तो बुवाई कर रहे हैं, लेकिन जिन्होंने खाद नहीं खरीदी उनके लिए मुश्किल हो रही है। साधन सहकारी समितियों पर अगर 200 बोरी खाद आ रही है, तो 300 किसान लेने के लिए पहुंच रहे हैं।
कौड़ीराम के अवधेश राय तथा लालपुर गांव के राजकिशोर मिश्रा ने जिला कृषि अधिकारी से शिकायत की कि बांसगांव ब्लॉक में खाद की दुकानों पर मनमानी कीमत वसूली जा रही है। गगहा ब्लॉक के मझगांवा में खाद की एक दुकान पर यूरिया 300 रुपये बोरी बेची जा रही है। जबकि डीएपी 1,450 से अधिक में बेची जा रही है।
रियांव गांव के रूदल यादव ने बताया कि दुकानदार ने 300 रुपये में यूरिया की बोरी दी है। इसी गांव के हरिद्वार फौजी ने बताया कि खाद के लिए कई दुकानों पर गए, लेकिन मिली नहीं। इस नाते बुवाई समय से नहीं हो पा रही है।
किसान न हों परेशान, पर्याप्त खाद मिलेगी
जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं थी कि स्टाकिस्ट अधिक दाम लेकर दुकानदारों को खाद दे रहे हैं। मामले की जांच कराएंगे। जिले में लगातार डीएपी की रैक आ रही है। किसान परेशान न हों, उन्हें खाद पर्याप्त मात्रा में मिलेगी।
एआर सुनील गुप्ता ने कहा कि 900 एमटी डीएपी जिले को मिली है। 25 समितियों पर खाद भेजी गई है। शुक्रवार को सभी समितियों पर खाद पहुंच गई है। उसके बाद भी रैक आ रही है। खाद की किल्लत नहीं होने दी जाएगी।
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