[ad_1]
मंगलवार को सुबह का तापमान 11 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि दिन में अधिकतम तापमान 21 डिग्री तक ही जा सका। मौसम के जानकारों का कहना है कि पिछले दो-तीन दिनों से पहाड़ों में जमकर बर्फबारी हो रही है। साथ ही पछुआ हवा भी चलने लगी है। इस वजह से अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 21 डिग्री दर्ज किया गया।
मंगलवार को कोहरे के चलते सभी ट्रेनें विलंब से आईं। आनंद विहार से चली सप्तक्रांति एक्सप्रेस आठ घंटे तो वैशाली, गोरखधाम व अवध असम एक्सप्रेस लगभग चार घंटे देरी से पहुंची। ठंड बढ़ने से ट्रेन के इंतजार में यात्रियों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी।
दिल्ली से सोमवार की रात में दिल्ली से चली सभी ट्रेनें देर से आईं। गोरखधाम एक्सप्रेस 4:45 घंटे की देरी से स्टेशन पहुंची। बिहार की ओर वाली वैशाली एक्सप्रेस 3:45 घंटे, बाघ एक्सप्रेस एक घंटे की देरी से आई। ठंड में प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री परेशान हो गए। ट्रेनों के बारे में सूचनाएं जानने के लिए यात्री पूछताछ केंद्र पर जुटे रहे।
मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ठंडी हवा चलने की वजह से तापमान में गिरावट आनी शुरू हो गई है। मंगलवार के दिन रेती रोड पर गर्म कपड़े की खरीदारी करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सड़क के किनारे फुटपाथ पर गर्म कपड़ों की जमकर खरीदारी की।
दुकानदारों ने बताया कि अमृतसर, दिल्ली और लुधियाना में बने गर्म कपड़े बेचे जा रहे हैं। दुकानदान मनोज ने बताया कि मंगलवार को दिनभर दुकानें सजीं रहती है। ग्राहकों को असानी से खरीदारी का मौका मिल जाता है। महेंद्र गुप्ता ने बताया कि ठंडी में हर मंगलवार को भीड़ रहती है। बताया कि अभी फुल और हाफ जैकेट, जर्सियां, लोअर और अपर, स्वेटर-शर्ट, जैकेट और हाईनेक टीशर्ट की मांग तेज है।
ठंड बढ़ने के साथ ही रोडवेज यात्रियों की दिक्कतें भी बढ़ गईं हैं। रोडवेज की कई बसों की खिड़कियों के कांच टूटे होने से यात्रियों को सफर में सर्द हवाओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन, रोडवेज प्रशासन यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
परिवहन निगम की अधिकतर बसें जर्जर हैं, ये मानक पर भी खरी नहीं हैं। यही हाल अनुबंधित बसों का भी है। यात्री ऐसी बसों से यात्रा करने को मजबूर हैं जिनकी खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं या बंद ही नहीं होते। कई बसों के वाइपर काम नहीं कर रहे हैं जिससे बस को चलाने में चालकों को भी काफी परेशान होना पड़ रहा है।
[ad_2]
Source link