पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की सवा सौ करोड़ की संपत्ति को पुलिस को पुलिस ने कुर्क कर लिया। बुधवार दोपहर दो बजे तीन थानों की पुलिस-फोर्स के साथ अधिकारी याकूब कुरैशी के सराय बहलीम स्थित आवास पर पहुंचे और यहां पांच सौ करोड़ की आलीशान कोठी की कुर्की की कार्रवाई शुरू कराई। वहीं आलीशान कोठी के अंदर का नजारा देखकर पुलिस अफसर भी चौंक गए। तकरीबन नौ घंटे चली कार्रवाई के बाद पुलिस ने फैक्टरी और कोठी दोनों को सील कर दिया।
मेरठ-हापुड़ रोड की मीट फैक्टरी में पांच करोड़ का मीट पकड़े जाने के बाद वांटेड पूर्व मंत्री हाजी याकूब का एक दौर में सियासत में खूब सिक्का चला। याकूब के पिता फईमुद्दीन कुरैशी कभी कबाड़ी बाजार के चौपले गुड़ का व्यापार करते थे। बाद में प्रापर्टी डीलिंग भी की और फिर मीट के कारोबार में आए तो सियासत में उतर गए। याकूब नगर निगम पार्षद, डिप्टी मेयर और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे।
हाजी याकूब ने नगर पालिका मेरठ के कमेले का ठेका लिया तो वर्ष 1995-96 में पार्षद चुने गए और फिर डिप्टी मेयर बन गए। 2002 की बसपा सरकार में याकूब का यह सफर राज्यमंत्री के पद तक पहुंचा। याकूब 2002 में बसपा से खरखौदा सीट से विधायक चुने गए। बसपा की सरकार बनी और हाजी याकूब राज्यमंत्री बनाए गए।
वर्ष 2016 में याकूब ने सिटी अस्पताल भी खरीद लिया। वर्ष 2007 में याकूब ने यूडीएफ नाम से अपनी पार्टी बनाई और मेरठ शहर सीट विधायक भी चुने गए। जीत के बाद उन्होंने यूडीएफ का बसपा में विलय कर दिया।
आखिरी चुनाव 2007 मेें जीता, 2013 में कमेला भी हुआ बंद
वर्ष 2012 से याकूब की मुश्किलें बढ़नी शुरू हुईं। याकूब 2012 में रालोद के टिकट पर सरधना से चुनाव लड़े पर हार गए। वर्ष 2013 में नगर निगम का कमेला तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खां ने ध्वस्त करा दिया। इसके बाद घोसीपुर में नए कमेले का भी याकूब ने ठेका लिया पर वह चल नहीं सका।