Hariyali Teej: सोने-चांदी से बने हिंडोले में विराजे ठाकुर बांकेबिहारी, दिव्य दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

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हरियाली तीज पर वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुर जी ने सोने-चांदी से बने हिंडोले (झूला) में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए। ठाकुर बांकेबिहारी के दिव्य दर्शन करने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु तीर्थनगरी पहुंचे हैं। रविवार सुबह मंदिर के पट खुलने से पहले ही हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंच गए और अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे। जैसे ही मंदिर के पट खुले, पूरा परिसर बांकेबिहारी के जयकारों से गुंजायमान हो गया। श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी की नयनाभिराम छवि के दर्शन किए।

मंदिर के सेवायत प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि हरियाली तीज पर ठाकुर बांकेबिहारी इस हिंडोले में पूरे ठाठ-बाट के साथ विराजते हैं। उन्होंने बताया कि इसी के साथ ही वृंदावन के मंदिरों में हिंडोला उत्सव (झूलनोत्सव) का शुभारंभ हो जाता है। यह महोत्सव रक्षाबंधन तक झूलनोत्सव के रूप में मनाया जाता है। बांकेबिहारी के अलावा वृंदावन के अन्य मंदिरों में भी हरियाली तीज का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।

रविवार की सुबह 7.45 बजे बांकेबिहारी मंदिर के पट खुलते ही श्रद्धालु ठाकुर जी के दर्शन के लिए आगे बढ़े। हरे रंग के वस्त्र और स्वर्ण आभूषण धारण किए ठाकुर बांकेबिहारी ने स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए। मंदिर की गलियों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

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बताते हैं कि आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को ठाकुर जी पहली बार इस दिव्य आकर्षक हिंडोले पर विराजित हुए थे। उस दिन हरियाली तीज का दिन था। हिंडोले के ऊपरी हिस्से की पच्चीकारी अपने आप में अद्भुत है। हिंडोले के दोनों और आदमकद सखियों की प्रतिमाएं बरबस ही भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के अनन्य भक्त सेठ हरगुलाल बेरीबाल परिवार ने इस हिंडोले को तैयार कराया था। लकड़ी पर नक्काशी उकेरने के बाद एक हजार तोला सोना और दो हजार तोला चांदी के पतरों से झूले को अंतिम रूप दिया गया। 1947 से हर वर्ष हरियाली तीज के अवसर पर ठाकुर बांकेबिहारी स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजते हैं।

हरियाली तीज पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के अलावा राधावल्लभ मंदिर, स्नेह बिहारी मंदिर, राधादामोदर, राधारमण, श्याम सुंदर, शाहबिहारी जी, यशोदानंदन धाम सहित अनेक मंदिरों में भी हिंडोला उत्सव मनाया जा रहा है। प्रेम मंदिर, रंगजी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी है।

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