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हाथरस शहर से बाहर बाईपास जाती हुई रोडवेज बस
– फोटो : अमर उजाला
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हाथरस शहर के अंदर बस नहीं ले जाने पर रविवार की शाम को उत्तराखंड डिपो की बस में सवार हाथरस के यात्री की परिचालक से नोकझोंक हो गई। परिचालक यह कहता रहा कि हमारे पास बस अंदर से ले जाने का आदेश नहीं है। उसके बाद यात्री जैसे-तैसे गंतव्य तक पहुंचे।
जाम से निजात दिलाने के लिए शहर के तालाब चौराहा पर ओवरब्रिज बन गया। इसके बावजूद रोडवेज के चालक-परिचालक अपनी मनमानी कर रहे हैं। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन यात्रियों व परिचालक के बीच बसें शहर के अंदर से गुजारने को लेकर नोकझोंक हो रही है। हाथरस व अलीगढ़ को छोड़कर अन्य डिपो की बसें सीधे बाईपास से जा रही है। डिपो के अधिकारी कर्मियों की कमी का रोना रोते हैं। इस कारण बाइपास पर कर्मी तैनात नहीं हो पा रहे हैं।
दिन में तो कोई बात नहीं है। रात में बसें बाईपास से गुजर रही है। वहां वाहन न मिलने के कारण गंतव्य की दूरी तय करने में खासी मुश्किलें झेलनी पड़ रही है। इस ओर अधिकारी ध्यान दें। – योगेश पाराशर, यात्री
ओवर ब्रिज बनने के बाद भी अन्य डिपो की बसें शहर के अंदर से नहीं गुजर रही है। इस कारण बाइपास से शहर तक आने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। – महेश, यात्री
शहर से काफी लोग हर रोज आगरा-अलीगढ़ की दूरी तय करते हैं। जो बस मिलती है उसमें ही बैठते हैं। जब हाथरस नजदीक आता है तो परिचालक बाहर से गुजारने की बात कहता है। ये समस्या काफी गंभीर है। – लांगुरिया, यात्री
अलीगढ़-हाथरस डिपो की बसों को शहर के अंदर जाने का आदेश है। परिचालक व यात्री में नोकझोंक का मामला उत्तराखंड डिपो की बस का है। इसलिए हम इसमें कुछ नहीं कर सकते। अगर हाथरस या अलीगढ़ डिपो की बसें अंदर नहीं जा रही है तो उन चालक-परिचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – सतेंद्र वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज
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