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अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस
Updated Mon, 22 May 2023 12:25 AM IST
ट्रेन फुल प्रतीकात्म्क
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
स्कूलों की छुट्टियां होने के बाद लोग अब बच्चों के साथ घूमने की योजना बना रहे हैं, मगर ट्रेनों में आरक्षित सीट न मिलने से उनकी इस योजना पर अड़ंगा लग रहा है। ज्यादातर ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति है। प्रतीक्षा सूची भी लंबी है। सिर्फ तत्काल टिकट का ही सहारा बचा है। इसके लिए लोग सुबह से ही टिकट काउंटर पर लाइन लगा रहे हैं।
सरकारी व ज्यादातर निजी स्कूलों में बच्चों की छुट्टियां हो गई हैं। इसलिए हर कोई अपने बच्चों के साथ रिश्तेदारी या फिर पर्यटन स्थल पर जाने की तैयारी कर रहा है। ऐसी स्थिति में ट्रेनों में आरक्षित सीटें भर चुकी हैं। मुंबई से मथुरा रूट पर चलने वाली गोल्डन टेंपल, पंजाब मेल, मंगला एक्सप्रेस, अमृतसर-दादरी, राजधानी में प्रतीक्षा सूची लंबी है। गरीब रथ में नो रूम लिखा आ रहा है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलने वाली पूर्वा एक्सप्रेस में 157 वेटिंग है।
नेताजी एक्सप्रेस और कालका मेल में नो रूम है। राजधानी में आरएसी चल रही है। झेलम सहित अन्य ट्रेनों में वेटिंग के साथ नोरूम लिखा आ रहा है। आरक्षित सीट न मिलने पर लोगों की उम्मीद तत्काल टिकट पर ही टिकी हुई है। इसके लिए वह सुबह से तत्काल टिकट काउंटर के बाहर लाइन लगा कर खड़े हो जाते हैं। यहां भी ज्यादातर को मायूसी हाथ लगती है।
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