Hathras News: नसबंदी से दूर भाग रहे पुरुष, हम दो-हमारे दो का नारा महिलाएं कर रहीं बुलंद

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नसबंदी

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– फोटो : सांकेतिक चित्र

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बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाने के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। हाथरस में पुरुषों में इसके प्रति कोई रुचि नहीं है। नसबंदी का नाम आते ही पुरुष महिलाओं को आगे कर देते हैं। पुरुषों में कई प्रकार की भ्रांतियां व्याप्त हैं जिसके चलते वह नसबंदी से दूर भागते हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन व में महिलाओं की तुलना में एक फीसदी से भी कम पुरुषों ने नसबंदी कराई है। मसलन जिले में हम दो हमारे दो का नारा सिर्फ महिलाएं ही बुलंद कर रही हैं।

कमजोरी के डर से दूर भागते हैं पुरुष

सीएमओ डा. मंजीत सिंह ने बताया कि नसबंदी कराने को लेकर पुरुषों में मर्दाना कमजोरी होने की भ्रांतियां है। नसबंदी कराने का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। इसके अतिरिक्त हाथरस में नसबंदी के प्रति जागरूकता के लिए एनजीओ कार्यरत नहीं है। एनजीओ में पुरुष कार्यकर्ता होंगे जो पुरुषों को असानी से नसबंदी के लिए प्रेरित कर सकेंगे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकर्ता महिला होती हैं। वह पुरुषों को प्रेरित नहीं कर पाती हैं। वह महिलाओं को आसानी से प्रेरित कर लेती हैं। 

नसबंदी के लिए विभाग कर रहा प्रचार

महिलाएं भी पति की नसबंदी के लिए करती हैं इन्कार 

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परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ संतोष कुमार का कहना है कि आशा कार्यकर्ता के मुताबिक, महिलाएं खुद अपने पति को नसबंदी कराने से मना कर देती हैं। महिलाओं का मानना हैं कि पुरुष भारी काम करते हैं तो उन्हें शारीरिक कमजोरी हो सकती है। हालांकि आशा कार्यकर्ता उनकी काउंसिलिंग भी करती हैं।

पुरुष नसबंदी पूरी तरह सुरक्षित 

डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया महिलाओं की तुलना में ज्यादा आसान और सुरक्षित होती है। पुरुषों की नसबंदी बिना चीरा बिना टांके के हो जाती है।

आंकड़ों में नसबंदी 

वर्ष 2020 – 21 में 2065 महिलाओं ने नसबंदी कराई, जबकि सिर्फ 12 पुरुषों ने ही नसबंदी कराई। 

वर्ष 2021 -22 में 2138 महिलाओं ने नसबंदी कराई, जबकि 12 पुरुषों ने नसबंदी कराई। 

चालू वर्ष में नवंबर माह तक 503 महिलाओं ने नसबंदी कराई है, जबकि 7 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। 

भ्रांतियों के चलते पुरुष नसबंदी कम करवाते हैं। हालांकि विभाग पुरुषों को जागरूक करने के लिए काफी प्रचार प्रसार कर रहा है। उम्मीद है पुरुष नसबंदी का आंकड़ा जल्दी ही बढ़ जाएगा। – डॉ. मंजीत सिंह, सीएमओ हाथरस

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