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मुठभेड़ में पकड़ा गया मुख्य हत्यारोपी अमित उर्फ रामू
– फोटो : अमर उजाला
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हाथरस के नगला इमलिया के पूर्व प्रधान और हिस्ट्रीशीटर संजू की हत्या पुरानी रंजिश के चलते ही की गई थी। मुठभेड़ में पकड़े गए मुख्य हत्यारोपी अमित उर्फ रामू ने पूछताछ में बताया कि पिछले 10 साल पहले ही संजू ने उसके भाई नीटू की हत्या की थी। तभी से वह बदला की आग में सुलग रहा था। 31 जनवरी को नगला इमलिया के पूर्व प्रधान व हिस्ट्रीशीटर संजीव कुमार उर्फ संजू पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
एसपी देवेश कुमार पांडेय ने बताया कि संजू के पुराने अपराधिक इतिहास को देखते हुए पुलिस मानकर चल रही थी कि संजू की हत्या पुरानी रंजिश के चलते ही की गई है। संजू खुद हिस्ट्रीशीटर था। वह कुख्यात राजेश टोंटा गैंग का सदस्य था। राजेश टोंटा के साथ वह वर्ष 2015 में मथुरा जेल में हुई गैंगवार में शामिल रहा था। बहुचर्चित ब्रजेश मावी हत्याकांड, गंगचौली के प्रधान नीटू हत्याकांड जैसे चर्चित मामलों में भी संजू आरोपी था। हालांकि पिछले कई साल से वह खामोश था।
मई 2013 में नगला इमलिया के निकट के गांव गंगचौली के तत्कालीन प्रधान भानुप्रताप सिंह उर्फ नीटू की अलीगढ़ के गडराना में गोलियों से भूनकर हत्या की गई थी। यह हत्याकांड वर्चस्व की लड़ाई में हुआ था। इस हत्याकांड में संजू के अलावा राजेश टोंटा, मोनू, सत्येंद्र व गडराना के विष्णु को नामजद किया गया था। नीटू भी हिस्ट्रीशीटर अपराधी था और उस पर 21 मुकदमे दर्ज थे।
नीटू की हत्या के बाद पूरा इलाका दो भागों में बंट गया था और काफी तनाव हो गया था। इसके बाद राजेश टोंटा गैंग की वारदातों के आगे इस गैंग के विरोधी सुस्त पड़ गए थे। राजेश टोंटा की मथुरा में पुलिस हिरासत में वर्ष 2015 में हत्या कर दी गई थी। तब गैंगवार भी खामोश हो गई थी, लेकिन नीटू के भाई में बदले की आग अब तक सुलग रही थी।
खुलासे के बाद गैंगवार की आहट
संजू की हत्या का पुलिस ने खुलासा तो कर दिया है लेकिन वर्ष 2015 तक जो गैंगवार हाथरस में हुई, वह इस हत्याकांड के खुलासे के बाद फिर शुरू होने के आसार बन सकते हैं। इसे रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि वर्ष 2015 से पहले करीब ढाई दशक की गैंगवार में कई चर्चित हत्याकांड इस इलाके में हो चुके हैं।
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