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पहलवानों के समर्थन में ज्ञापन देने जाते संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी
– फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली पुलिस ने 28 मई को नए संसद भवन की तरफ जाने की कोशिश करते पहलवानों को हिरासत में लेने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन प्रभारी अधिकारी (ओसी) कलेक्ट्रेट को सौंपा। महिला पहलवानों को जंतर-मंतर पर धरने की अनुमति देने और बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की गई।
संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी योगेश कुमार ओके ने कहा कि जिन बेटियों ने पूरी दुनिया में देश का मान बढ़ाया था, आज उन्हें अपने लिए न्याय की भीख मांगनी पड़ रही है। नाकारा सरकार उन बेटियों की चीख पुकार भी सुनने को तैयार नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली कई महिला पहलवानों ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।
ये महिला पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रही हैं। केंद्र सरकार जनवरी 2023 में आरोपी सांसद के खिलाफ जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए खिलाडि़यों से किए वादे को पूरा करने में विफल रही। खिलाड़ियों को सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। जब खिलाड़ियों ने अपना विरोध जारी रखा और 28 मई को दिल्ली में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला तो केंद्र सरकार की दिल्ली पुलिस ने उनके विरोध मार्च का क्रूरता से दमन किया। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उन्हें जतर-मंतर पर उनके शांतिपूर्ण विरोध स्थल में हटा दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की कि केंद्र सरकार महिला पहलवानों को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपना धरना जारी रखने की अनुमति दे। महिला पहलवानों के साथ क्रूरता के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ जल्द से जल्द आरोपपत्र दाखिल किया जाए और अभियोजन के लिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए। संवाद
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