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हार्ट अटैक प्रतिकारात्मक
– फोटो : pixaby
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हाथरस शहरवासियों के लिए यह बड़ी चिंता का विषय है कि अगर रात में कोई गंभीर रूप से बीमार हो उसे शहर के निजी अस्पतालों में तो इलाज मिलने से रहा। रात 12 बजे इन निजी अस्पतालों में मरीजों का उपचार करने में हाथ खड़े कर दिए जाते हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में सिर्फ प्राथमिक उपचार ही मिल पाता है। गंभीर मरीजों यहां से रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में तीमारदारों को मरीजों को लेकर आगरा या अलीगढ़ भागना पड़ता है।
शहर में रात के समय स्वास्थ्य सेवाएं रामभरोसे हैं। रात में शहर के अधिकांश निजी अस्पताल बंद हो जाते हैं। ऐसे में रात में तबीयत बिगड़ने पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों को सिर्फ प्राथमिक उपचार ही मिल पाता है। गंभीर मरीजों को यहां से रेफर कर दिया जाता है। गंभीर मरीज को आगरा या अलीगढ़ ले जाने में काफी समय लगता है। इस समय में मरीज की हालत बिगड़ने पर अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
रात में बीमार होने होने पर शहर में इलाज नहीं मिल पाता है। रात को निजी नर्सिंग होम बंद हो जाते हैं। उपचार के लिए आगरा या अलीगढ़ जाना पड़ता है। -मदनमोहन शर्मा, शहरवासी
रात में शहर की स्वास्थ्य सेवाएं रामभरोसे हैं। रात को निजी नर्सिंग होम बंद हो जाते हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में भी सिर्फ प्राथमिक उपचार ही मिल पाता है। -नंदकिशोर राणा, शहरवासी
रात 12 बजे तक शहर के नर्सिंग होम में मरीजों को देखा जाता है। इसके बाद सुरक्षा के दृष्टिगत हम लोग मरीज देखना बंद कर देते हैं। हालांकि अगर किसी मरीज को इमरजेंसी है तो उसका उपचार किया जाता है। रात में हमें डर रहता कि कोई हंगामा आदि न हो जाए। पूर्व में हंगामे हो चुके हैं। अगर पुलिस-प्रशासन हमें सुरक्षा की गारंटी दे तो हम लोग रात में भी सेवा देने के लिए तैयार हैं। –डॉ. आरके सिंह, जिलाध्यक्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
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