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युवक को देखते डॉक्टर
– फोटो : अमर उजाला
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हाथरस जिला अस्पताल में बुखार की दवा लेने आए राजमिस्त्री की वहीं पर बैठे-बैठे ही मौत हो गई। उनकी जेब में निकली पर्ची पर लिखे नंबर से परिवार के लोगों को मौत की सूचना दी गई। अस्पताल पहुंचे परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव को अपने साथ गांव ले गए।
हाथरस में कोतवाली चंदपा क्षेत्र के गांव नगला बिहारी निवासी 55 वर्षीय सुखवीर पुत्र गुनीराम राजमिस्त्री का काम करते थे। परिजनों के अनुसार सुखवीर को पिछले कई दिनों से बुखार आ रहा था। गांव में दवा से लाभ न मिलने पर वह सोमवार की सुबह अकेले ही जिला अस्पताल से दवा लेने के लिए आए थे। पर्चा बनवाकर वह ओपीडी परिसर में ही बैठ गए और यहां पर बैठे-बैठे ही उनकी मौत हो गई।
इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को दी। परिवार के लोग भी अस्पताल पहुंच गए और फिर बिना पोस्टमार्टम कराए ही परिवार के लोग शव अपने साथ गांव ले गए। शव को अस्पताल से शव वाहन के द्वारा गांव तक पहुंचाया गया।
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