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चंदन बनाता युवक
– फोटो : अमर उजाला
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हाथरस की पहचान पूजन सामग्री के कारोबार के लिए भी बनती जा रही है। यहां बन रहे चंदन की मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में नंदन को लगाया जाता है। अब नवरात्री को लेकर जिले की 12 से अधिक फैक्टरियों में पूजन सामग्री का निर्माण किया जा रहा है। मथुरा-वृंदावन आने वाले भक्त यहां निर्मित पूजन सामिग्री से पूजा अर्चना कर रहे हैं।
हाथरस शहर हींग, रंग-गुलाल, दाल जैसे उद्योग के लिए तो प्रसिद्ध है। पिछले डेढ़ दशक में शहर में पूजन सामग्री का उत्पादन किया जा रहा है। यहां करीब 12 फैक्ट्रियों में पूजन सामग्री का निर्माण होता है। पूजा सामग्री कारोबार से तीन हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। इस कारोबार ने राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में पकड़ बना ली है। नवरात्र, हनुमान जयंती, दिपावली जैसे प्रमुख त्योहारों पर यहां बनी पूजन सामग्री की आपूर्ति की जाती है।
नवरात्र को देखते हुए फैक्टरियों में तेजी से काम चल रहा है। निर्माताओं के मुताबिक गुणवत्ता की वजह से हाथरस में निर्मित पूजन सामग्री को पसंद किया जाता है। मथुरा, वृंदावन में खासतौर से यहां की पूजा सामग्री का उपयोग होता है। देश के बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी यहां से पूजन सामग्री खरीदकर ले जाते हैं।
इन सामग्रियों का होता है उत्पादन
1. रोली
2. सिंदूर
3. चंदनचूरा
4. चंदन तिलक
5. अश्वगंध
6. पेवड़ी
7. हवन सामग्री
8. धूप
9. ईंगुर
10. पूजा सामग्री किट
सिंदूर, रोली और कलावा टैक्स फ्री है। हवन सामग्री, गुग्गल, चंदन, चूरा आदि सामान पर पांच प्रतिशत कर है। इस कारण शहर में बड़े पैमाने उत्पादन किया जाता है। शहर में 12 से ज्यादा फैक्टरियों में पूजन सामग्री का उत्पादन होता है। खास मौकों पर इसकी मांग ज्यादा होती है। – मनोज अग्रवाल, व्यवसायी
हाथरस पूजन सामग्री का नया हब बनता जा रहा है। आर्डर के अनुसार हवन सामग्री, रोली, कलावा आदि तैयार किया जा रहा है। इस बार बाजार में नवरात्र पर कारोबार में उछाल आने की उम्मीद है। हाथरस में बन रही पूजन सामग्री की मांग तेजी से बढ़ रही है। – नितिन वार्ष्णेय, व्यवसायी
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