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इंडियाज गॉट टैंलेट की विनर इर्शिता विश्वकर्मा
– फोटो : अमर उजाला
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जब मैं छठी कक्षा में थी, तब कई बार संगीत के क्रियाकलापों में असफल हुई। एक समय में मुझे लगने लगा था कि मैंने संगीत चुनकर कोई गलती तो नहीं कर दी। लेकिन, कोरोना महामारी के दौर में संगीत ने मेरा बहुत साथ दिया। संगीत की वजह से मुझे रोजगार मिला। तब मुझे लगा कि मैंने संगीत सीखकर सही किया। ये बातें हाथरस महोत्सव में पहुंची इंडियाज गॉट टैंलेट की विनर इर्शिता विश्वकर्मा ने वार्ता के दौरान कही।
इर्शिता विश्वकर्मा ने बताया कि मैंने ढाई साल की उम्र में संगीत सीखना शुरू किया। मेरे माता पिता संगीत के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। मेरी मां संगीत की शिक्षिका हैं, और मेरे पापा रिकार्डजिस्ट हैं। चार साल की उम्र के बाद संगीत का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। क्लासिकल म्यूजिक सीखा।
उन्होंने बताया कि कई शो में अपनी प्रस्तुति देने के बाद मुझे सा रे गा मा पा में गाने का मौका मिला। इस शो का टाइटल जीता। अभी कई वेबसीरीज में काम कर रही हूं। डिवोशनल म्यूजिक में बहुत काम कर रही हूं। इस सरकार में जितने कार्यक्रम अब तक हुए हैं, वह सराहनीय है। इस सरकार में कई महोत्सव हुए हैं, जिससे कलाकारों को रोजगार मिला है।
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