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हाथरस में सड़क पर घूमते छुट्टा गोवंश
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हाथरस में निराश्रित गोवंश का आतंक कम नहीं हो रहा है, सड़कों से लेकर खेतों तक इनका ही राज है। शहरी और ग्रामीण इलाकों के लोग निराश्रित गोवंशों से परेशान हैं। सड़कों पर निराश्रित गोवंशों से टकराकर कई लोगों की जान भी जा चुकी है। प्रशासन इन निराश्रित गोवंश को पकड़कर गोशालाओं में भरने का दावा भर रहा है, लेकिन सड़कों पर बड़ी संख्या में इन्हें घूमते हुए देखा जा सकता है।
निराश्रित गोवंश किसानों की फसलों को बर्बाद करने के साथ सड़क हादसों का भी सबब बन रहे हैं। निराश्रित गोवंश के कारण जिले में पूर्व में भी कई सड़क हादसे हो चुके हैं। कुछ हादसों में लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। जिले में निराश्रित गोवंश का आतंक व्याप्त है। निराश्रित गोवंश के कारण जिले के किसान परेशान हैं। यह गोवंश किसानों की फसलों में घुस जाते हैं और फसल नष्ट कर देते हैं।
किसानों को रात रात भर अपनी फसलों की रखवाली करनी पड़ती है। किसानों को डर सताता है कि कहीं वह अपनी फसल छोड़कर घर आ गए तो गोवंश उनकी फसल नष्ट कर देंगे। इसके बावजूद शासन-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। यहां जिले में 32 गोशालाओं में करीब 12 हजार गोवंश संरक्षित हैं।
जिले में हैं महज चार कैटल कैचर
शासन की ओर से सभी नगर निकायों में निराश्रित गोवंशों को पकड़ने के लिए कैटल कैचर खरीदने के निर्देश दिए थे। हैरानी की बात यह है कि अभी तक नौ नगर निकायों के सापेक्ष चार नगर निकायों ने ही कैटल कैचर की खरीद की है।
केस- 1
निराश्रित गोवंश की टक्कर से घायल मुख्य आरक्षी की उपचार के दौरान मौत
आठ दिसंबर 2022 को अलीगढ़ रोड पर पराग डेयरी के निकट निराश्रित गोवंश ने पुलिस कर्मी की बाइक में टक्कर मार दी थी। हादसे में पुलिस कर्मी घायल हो गया था। अलीगढ़ मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
केस- 2
निराश्रित गोवंश से टकराकर नाले में गिरी कार, एक की मौत, दो घायल
12 अप्रैल को सादाबाद-मुरसान रोड पर गोलपुरा के पास कार निराश्रित गोवंश से टकराकर अनियंत्रित होकर नाले में जा घुसी थी। कार सवार एक युवक की मौत हो गई थी। दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
निराश्रित गोवंश से रात में फसलों की रखवाली करनी पड़ती है। अगर ऐसा नहीं करें तो छुट्टा गाय और सांड़ एक ही रात में फसल को नष्ट कर देते हैं। रात के समय इनसे जान को भी खतरा रहता है। -तेजवीर सिंह, किसान
रात के समय गांव से बाहर निकलने में भी डर लगता है। निराश्रित गोवंश कभी-कभी तो अचानक हमला कर देते हैं। प्रशासन को इन्हें पकड़कर गोशालाओं में डालना चाहिए। -करनपाल, किसान
निराश्रित गोवंशों को पकड़ने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय निकायों का जिम्मेदारी दी गई है। समय-समय पर इन गोवंशों को पकड़ने के लिए जिलाधिकारी व सीडीओ स्तर से निर्देश भी जारी किए जाते हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। -विजय वीर चंद्रयाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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