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यूपी निकाय चुनाव
– फोटो : अमर उजाला
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केबिनेट की मंजूरी के बाद शासन ने नगर निकाय के अध्यक्ष पद के लिए नए सिरे से आरक्षण जारी कर दिया है। इसमें हाथरस नगर पालिका अध्यक्ष अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई है, जबकि सिकंदराराऊ नगर पालिका अध्यक्ष पद को अनारक्षित कर दिया गया है। इसके अलावा जिले के अन्य सातों नगर पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण भी तय कर दिया गया है। इस अनंतिम आरक्षण पर छह अप्रैल तक आपत्तियां मांगी गई हैं।
आपत्तियों के निस्तारण के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी और फिर शासन की ओर से अंतिम आरक्षण घोषित किया जाएगा। इधर, आरक्षण की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद राजनीतिक हलचलें काफी तेज हो गई हैं। नगर निकाय चुनाव में आरक्षण का मामला जब न्यायालय में पहुंच गया था, तभी से यह माना जा रहा था कि आरक्षण को लेकर काफी फेरबदल होगा। चार दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव की इजाजत दे दी थी। इसके बाद केबिनेट में भी इसे मंजूरी मिल गई थी। तभी से राजनेताओं के साथ-साथ मतदाताओं की टकटकी इस पर लगी थी।
अब शासन ने नगर निकाय के अध्यक्ष पद हेतु आरक्षण घोषित कर दिया है। इसमें हाथरस नगर पालिकाध्यक्ष पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि सिकंदराराऊ नगर पालिकाध्यक्ष का पद अनारक्षित होगा। अन्य नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद के लिए भी आरक्षण की घोषणा कर दी गई है। इस आरक्षण के जारी होने के बाद इस पर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए भी राजनेता तैयारी कर रहे हैं। शासन की ओर से इस आरक्षण पर छह अप्रैल तक आपत्तियां मांगी गई हैं।
यह है हाथरस जिले की नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्षों के पद का आरक्षण
- नगर पालिका परिषद, हाथरस- अनुसूचित जाति
- नगर पालिकाध्यक्ष सिकंदराराऊ- अनारक्षित
- नगर पंचायत अध्यक्ष सहपऊ- अनुसूचित जाति महिला
- नगर पंचायत अध्यक्ष मेंडू- अनारक्षित
- नगर पंचायत अध्यक्ष सासनी- अनारक्षित
- नगर पंचायत अध्यक्ष हसायन- पिछड़ा वर्ग महिला
- नगर पंचायत अध्यक्ष पुरदिलनगर- अनारक्षित
- नगर पंचायत अध्यक्ष मुरसान- अनारक्षित
- नगर पंचायत अध्यक्ष सादाबाद- महिला
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