Hathras News: होली पर मत भूल, टेसू के फूल, प्राकृतिक रंगों से त्वचा को नहीं होता नुकसान

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टेसू की होली

टेसू की होली
– फोटो : अमर उजाला

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समय के साथ तीज त्योहारों के तौर तरीके भी बदलते जा रहे हैं। पहले टेसू के रंगो से खेली जाने वाली होली आज हर्बल, रासायनिक रंगों से रंगीन है। टेसू के फूलों को लोग भुलाते जा रहे हैं, लेकिन प्राकृतिक रंगों से होली खेलने में आनंद के साथ त्वचा को कोई नुकसान नहीं है।

ब्रज की देहरी में लोग होली के स्वागत के लिए रोमांचित हैं। बिना रंगों के लिए होली की कल्पना तो नहीं की जा सकती है लेकिन इस बार टेसू के फूलों से होली खेलें, जिससे त्वचा को कोई नुकसान न हो। आजकल जिन रंगों से होली खेली जाती है उनमें तरह तरह के केमिकल पाए जाते हैं, जो त्वचा और आंखों के लिए नुकसानदेय हैं। टेसू के फूल सस्ते और अच्छे होने के साथ बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं, जिन्हें भिगोकर कई तरह के रंग तैयार किए जा सकते हैं।

होली पर बरतें सावधानियां

  • होली के दिन पूरी तरह शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनें। कपड़े ऐसे हों जिनसे शरीर में जाने वाले रासायनिक रंगों को रोका जा सके।
  • होली खेलने से पहले शरीर पर तेल लगा लें। 15 मिनट शरीर को तेल सोखने का मौका दें।
  • रंगों से बचाने के लिए बालों पर विशेष ध्यान दें। बालों में अच्छी किस्म का तेल लगाएं। टोपी भी लगा सकते हैं। होठों को फटने से बचाने के लिए लिप-क्रीम का इस्तेमाल करेंगे तो बेहतर होगा।
  • नाखूनों पर रंग चढ़ने के बाद जल्दी साफ नहीं होता है। इसलिए नाखूनों पर वैसलीन लगाएं। महिलाएं नेल पॉलिश लगा सकती हैं।
  • होली पर रंग खरीदते समय ध्यान रखें, रंग गहरा और सस्ता न हो। हरा, बैंगनी, लाल रंग नहीं खरीदकर हल्के रंग खरीदें।
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रासायनिक रंगों से नुकसान

रासायनिक रंगों के प्रयोग के समय सावधानी बरतें क्योंकि इससे त्वचा के साथ साथ आखों को भी भारी नुकसान हो सकता है। त्वचा रोग विशेषज्ञ भी लोगों को चंद रुपये बचाने के लिए सस्ते रंगों से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। सबसे अच्छा तरीका प्राकृतिक रंगों के प्रयोग का है। चिकित्सकों के अनुसार रासायनिक रंग त्वचा पर बुरा प्रभाव डालते हैं, जिससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा है। जबकि शरीर पर एलर्जी के अलावा अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

टेसू के फूलों में औषधिय गुण होते हैं। होली के बाद मौसम बदलता है। टेसू के फूलों के पानी से नहाने से खसरा, चेचक आदि बीमारियां दूर रहती हैं। हड्डी की चोट पर गर्म पानी में मिलाकर सिकाई की जा सकती हैं। 100 रुपये के आधा किलो टेसू के फूल बिक रहे हैं। ग्राहक खरीदारी कर रहे हैं। – अरुण माहेश्वरी, दुकानदाार

आज के समय में केमिकल के रंग-गुलाल आ रहे हैं। इससे त्वचा को नुकसान होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए टेसू के फूल खरीदने के लिए आया हूं। पिछले साल की तरह ही टेसू के फूल का दाम हैं। टेसू के फूलों से केसरियां रंग तैयार होता है। – माधव, ग्राहक

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