Highcourt: 40 वर्ष पहले हुई हत्या के लिए तीन अभियुक्तों को मिली उम्रकैद की सजा

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आगरा जिले केफतेहपुर सीकरी थाने में 21 जून 1981 में हुई हत्या में निचली अदालत द्वारा बरी किए गए अभियुक्तों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनवाई है। हत्याकांड में तीन अभियुक्तों की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी तीन अभियुक्तों को सजा भुगतनी होगी।

कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को 15 दिनों के भीतर आगरा जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है, ताकि उन्हें आगे की सजा भुगतने केलिए जेल भेजा जा सके। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार विरला और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल अपील को स्वीकार करते हुए सुनाया है।

मामले में आगरा के जिला न्यायालय ने आरोपियों को बरी कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने निचली अदालत केफैसले को चुनौती दी थी। तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है। जबकि फतेह सिंह, वीरेंद्र सिंह और मलखान सिंह को आईपीसी की धारा 148, 307, 149, 302 और 149 के तहत दोषी ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

घटना 21 जून 1981 में हुई थी। आरोपी बसेरी चाहर गांव के रहने वाले हैं। वह पीड़ित के दरवाजे के सामने महिलाओं को देखकर अभद्र बातें करते थे। इसका विरोध किया गया तो फूली, गिरिराज सिंह, फतेह सिंह, वीरेंद्र, शेर सिंह और मलखान पिस्तौल, बंदूक लेकर उसकेघर चढ़ आए और उसके दो चचेरे भाइयों बलबीर और रामश्री पर गोलियां बरसाने लगे।

गांव के फूल सिंह, सोबरन, चिद्दी, पन्ना और लखन बीचबचाव करने आए तो आरोपियों ने उन्हें भी गोली मार दी। घटना के बाद फूल सिंह की उपचार केलिए ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।

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आगरा जिले केफतेहपुर सीकरी थाने में 21 जून 1981 में हुई हत्या में निचली अदालत द्वारा बरी किए गए अभियुक्तों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनवाई है। हत्याकांड में तीन अभियुक्तों की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी तीन अभियुक्तों को सजा भुगतनी होगी।

कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को 15 दिनों के भीतर आगरा जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है, ताकि उन्हें आगे की सजा भुगतने केलिए जेल भेजा जा सके। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार विरला और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार की ओर से दाखिल अपील को स्वीकार करते हुए सुनाया है।

मामले में आगरा के जिला न्यायालय ने आरोपियों को बरी कर दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने निचली अदालत केफैसले को चुनौती दी थी। तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है। जबकि फतेह सिंह, वीरेंद्र सिंह और मलखान सिंह को आईपीसी की धारा 148, 307, 149, 302 और 149 के तहत दोषी ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

घटना 21 जून 1981 में हुई थी। आरोपी बसेरी चाहर गांव के रहने वाले हैं। वह पीड़ित के दरवाजे के सामने महिलाओं को देखकर अभद्र बातें करते थे। इसका विरोध किया गया तो फूली, गिरिराज सिंह, फतेह सिंह, वीरेंद्र, शेर सिंह और मलखान पिस्तौल, बंदूक लेकर उसकेघर चढ़ आए और उसके दो चचेरे भाइयों बलबीर और रामश्री पर गोलियां बरसाने लगे।

गांव के फूल सिंह, सोबरन, चिद्दी, पन्ना और लखन बीचबचाव करने आए तो आरोपियों ने उन्हें भी गोली मार दी। घटना के बाद फूल सिंह की उपचार केलिए ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।

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