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पंकज उदास ने बुधवार रात नौ बजे मंच संभाला। सबसे पहले चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल… गाया। गजल का सिलसिला शुरू हुआ, जो रफ्ता-रफ्ता बुलंद होता गया। दर्शकों की फरमाइश पर गजल की जगह पंकज ने फिल्मी गीत गाए। मोहरा फिल्म का गाना न कजरे की धार, न मोतियों का हार…। जिएं तो जिएं कैसे बिन आपके…। आखिर में चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई गाया, तो पंडाल में मौजूद श्रोता भाव विभोर हो गए।
पंकज उदास से पहले प्ले बैक सिंगर भूमिका मलिक ने माहौल बनाया। भूमिका ने घाघरा… गुलाबी आंखें जो तेरी देखीं…। पिया तू अब तो आजा…। सजना री वारी वारी जाऊ मैं… गाकर दर्शकों को थिरकने पर मजबूर किया। फिर रीत मिश्रा ने शानदार गाने प्रस्तुत किए। किशोर कुमार की आवाज में उनके गीतों ने महफिल को जवां कर दिया।
शिल्पग्राम में चल रहे हुनर हाट में बुधवार शाम करीब सात बजे भागलपुर बिहार की साड़ी स्टॉल में आग लगने से हड़कंप मच गया। तत्काल लोगों ने पानी व अग्निशमन उपकरण की मदद से आग पर काबू पा लिया। इस दौरान कुछ साड़ियां जल गई। हालांकि बड़ा हादसा नहीं हुआ है, लेकिन अग्निकांड की घटना से सुरक्षा व इंतजाम को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां 32 राज्यों के 800 से अधिक कलाकारों ने 320 स्टॉल लगाई हैं।
हुनर हाट में लोग परिवार संग लुत्फ उठा रहे हैं। सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक यहां लोगों का आना जाना लगा रहता है। प्रवेश निशुल्क है। शाम को रौनक बढ़ जाती है। हुनर हाट में लकड़ी, बांस व धातुओं के अलावा पत्थर, कपड़े पर हस्तशिल्प की प्रदर्शनी लगी है। 29 मई तक चलने वाली इस हाट में लोग खूब लुत्फ उठा रहे हैं।
हुनर हाट में सजावट और घर की जरूरत के एक से बढ़कर एक सामान हैं। इन सबके बीच लकड़ी की ज्वैलरी और बागपत की चादरें ग्राहकों को ज्यादा लुभा रही है। हाट में करीब 12 स्टॉल बागपत की चादरों के हैं। लोग खरीदारी भी खूब कर रहे हैं। लकड़ी से बनी ज्वैलरी महिलाओं को खूब आकर्षित कर रही है।
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