आयकर विभाग की जांच में चौंकाने वाले मामले आते जा रहे हैं। दूसरे दिन मंगलवार को जांच टीम को छापे के दौरान कारोबारियों के घर से रजाई-गद्दे, सोफा, कार्टन में करोड़ों रुपये मिले हैं। आयकर अधिकारियों का अनुमान है कि इस कार्रवाई के पूरी होने तक बड़े पैमाने पर नगदी और बेनामी संपत्तियों का खुलासा हो सकता है। बैंक से नोट गिनने की मशीन भी मंगाए जाने की तैयारी चल रही है।
महाराष्ट्र के सपा नेता अबु आसिम आजमी के करीबी सर्वेश अग्रवाल, दिलीप गुप्ता के रिश्तेदारों और इनसे जुड़े करीबियों के घर, दुकान, फर्मों पर आयकर के छापे में वाराणसी में 30 स्थानों पर सोमवार से चल रही है।
इसमें प्रेमचंद नगर, मलदहिया, रथयात्रा, सिगरा, महमूरगंज, गोदौलिया, नई सड़क, चांदपुर, वरुणा गार्डेन, पांडेयपुर, गोइठहां सहित कई स्थानों पर कार्रवाई चल रही है। आयकर विभाग के कार्यालय में इसके लिए कंट्रोल रूम में बनाया है। टीम ने तीन दिन तक जांच कराने का लक्ष्य रखा है। जांच टीम में अरविंद चौहान, शशिकांत यादव, जेपी चौबे आदि हैं।
आम तौर पर बैंकों और एटीएम में दो हजार रुपये के नोट का संकट देखने को मिलता है, लेकिन जांच में सबसे अधिक दो हजार के नोट हैं। अपर निदेशक जांच अजय कुमार का कहना है कि जिन लोगों के यहां कार्रवाई चल रही है, वहां पिछले 15 साल में खरीद फरोख्त, बैंकिंग, लेन-देन, जमा नकदी सहित अन्य संपत्तियों से जुड़े रिकार्ड की जांच की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो कारोबारी कैश लेकर कागज में कम दिखाते हैं। इसी तरह का खेल वे रियल एस्टेट के कारोबार में भी करते थे, जो जांच में भी सामने आ रही है। इस तरह वो संगठित होकर करोड़ों रुपये की कर चोरी कर लेते थे। वहीं, इस कार्य में उनके सीए भी साथ देते थे। इस मामले में कई सीए से भी पूछताछ की तैयारी चल रही है।
जांच में यह बात सामने आई है कि 15 साल पहले बने विनायका प्लाजा सहित कई बहुमंजिला इमारतों में काला धन निवेश किया गया है।
इसमें करीब 200 करोड़ रुपये अघोषित संपत्ति निवेश की गई और हाल ही में विनायका प्लाजा के एक्सटेंशन, होटल पद्मिनी के सामने बने अवैध निर्माण सहित कई इमारतों में अघोषित संपत्ति निवेश की आशंका है।