भारतीय एथलीटों ने लिखी “कामयाबी की रोमांचक कहानियां- गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि भारत का बढ़ता आत्मविश्वास खेल के क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा है जिसमें देश के एथलीटों ने “कामयाबी की रोमांचक कहानियां” लिखी हैं। 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि खिलाड़ियों ने अपनी जीत की ललक से देश को गौरवान्वित किया है और अगली पीढ़ी को ऊंचे लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा ,‘‘एक राष्ट्र के रूप में हमारा बढ़ता आत्मविश्वास खेलों के क्षेत्र में भी दिखाई देता है जिसमें हमारे खिलाड़ियों ने कामयाबी की रोचक कहानियां लिखी है । पिछले साल हमारे खिलाड़ियों ने ओलंपिक खेलों में अपनी छाप छोड़ी। पैरालंपिक खेलों में हमने अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके लौटा। ’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारे शतरंज चैंपियन ने दुनिया को प्रभावित किया और हमारे पुरुष और महिला खिलाड़ियों ने फिडे शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 2024 के दौरान खेलों में उपलब्धियों की अगुवाई डी गुकेश ने की जो सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने ।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि खिलाड़ियों को जमीनी स्तर पर बेहतर प्रशिक्षण सुविधाओं के माध्यम से सहायता दी जा रही है। भारत ने पेरिस ओलंपिक में छह पदक जीते और उसके बाद पैरालंपिक में सात स्वर्ण और नौ रजत सहित 29 पदक जीतकर इतिहास रचा ।

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दूसरी ओर शतरंज खिलाड़ी भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और पहली बार भारत ने शतरंज ओलंपियाड की पुरुष और महिला दोनों टीमों की स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता। अठारह वर्षीय गुकेश का प्रदर्शन शानदार रहा है। सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने के अलावा उन्होंने ओलंपियाड में व्यक्तिगत स्वर्ण भी जीता और भारत की जीत के भी सूत्रधार रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने संबंधी सरकार की पहल को “साहसपूर्ण दूरदर्शिता” का एक प्रयास बताया और कहा कि “एक राष्ट्र एक चुनाव” से सुशासन को नए आयाम दिए जा सकते हैं।

राष्ट्रपति ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि देश में चुनावों को एक साथ संपन्न कराने के लिए संसद में पेश किया गया विधेयक, एक और ऐसा प्रयास है, जिसके द्वारा सुशासन को नए आयाम दिए जा सकते हैं।”

उन्होंने कहा, ” ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की व्यवस्था से शासन में निरंतरता को बढ़ावा मिल सकता है, नीति-निर्धारण से जुड़ी निष्क्रियता समाप्त की जा सकती है, संसाधनों के अन्यत्र खर्च हो जाने की संभावना कम हो सकती है तथा वित्तीय बोझ को कम किया जा सकता है। इनके अलावा, जन-हित में अनेक अन्य लाभ भी हो सकते हैं। “

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