[ad_1]
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
विस्तार
विमानों में लगने वाले ब्लैक बॉक्स की तर्ज पर ट्रेनों में लोको कैब ऑडियो विजुएल रिकॉर्डिंग सिस्टम (एलसीएवीआर) लगेंगे। पहले चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के 50 ट्रेनों में इन डिवाइसों को लगाया जाएगा, जो हादसों को रोकने में मदद करने के साथ-साथ संचालन को बेहतर बनाने में भी सहयोग करेंगे। पुखराया में हुए रेल हादसे 152 यात्रियों की मौत हो गई थी। 14 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। वर्ष 2017 में मेरठ राज्यरानी के डिरेलमेंट से दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। उससे पहले वर्ष 2015 में रायबरेली में जनता एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की वजह से 58 लोगों की मौत हो गई थी।
इन हादसों ने रेलवे बोर्ड के सामने वजह तलाशने में मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। बाद में यह तय किया गया कि विमानों में लगने वाले ब्लैक बॉक्स की तरह लोको में ऑडियो विडियो रिकॉर्डिंग का सिस्टम विकसित कर लगाया जाना चाहिए। इसके बाद एलसीएवीआर तैयार किया गया। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजट में सौ करोड़ रुपये भी आवंटित किए। दूसरे रेलवे जोनों के 26 लोकोमोटिव में रेलवे इन्हें लगा चुका है। इतना ही नहीं, रेलवे का लक्ष्य 3,500 एलसीवीआर स्थापित करने का है। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे की 50 ट्रेनों में एलसीएवीआर डिवाइस लगाने का प्रस्ताव था, जिसकी अनुमति मिल गई है। इसे लगाने का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
ऐसे काम करती है डिवाइस
एलसीएवीआर डीजल व इलेक्ट्रिक दोनों इंजनों में लगाई जाएगी। इसका एक अंग क्रू विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस (सीवीसीडी) भी है। यह इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में ड्राइवर की सतर्कता की निगरानी का विशेष उपकरण है, जो ऑडियो व विजुअल दोनों तरीकों से काम करता है। इस डिवाइस में अगर लोको पायलट द्वारा पहले आधे मिनट तक कोई हलचल नहीं होने या विजिलेंस बटन नहीं दबाने पर अलर्ट की लाइट जल जाएगी। अगले आठ सेकेंड बाद ऑडियो सूचना आ जाएगी। इतना ही नहीं कुल 46 सेकंड तक लोको पायलट द्वारा कोई हलचल नहीं हुई तो इंजन आपात स्थिति में आटोमेटिक रुक जाएगा।
ट्रैक की भी मिलेगी जानकारी, रुकेंगे हादसे
एलसीएवीआर के तहत लोको की हर गतिविधि की रिकॉर्डिंग की जाएगी। पायलट को परिचालन के समय ट्रैक व्यू, वॉयस और वीडियो रिकार्डिंग से विश्लेषण किया जाएगा। जिससे ट्रेन संचालन भी आसान बनाया जा सकेगा। इसमें कैमरे की मदद से इंजन के आसपास के सभी व्यू की भी जानकारी उपलब्ध होती है। वहीं रियल टाइम ट्रेन सूचना भी कंट्रोल व लोको के बीच साझा की जा सकेगी।
[ad_2]
Source link