प्रसिद्ध धार्मिक स्थल आदि कैलाश, ओम पर्वत पहुंचना अब होगा आसान…

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देहरादून : उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थलों तक अब आसानी से पहुंच हो सकेगी। राज्य के सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने और दुर्गम क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) और केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से मुख्यालय उत्तरी सीमांत, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के अधिकारियों के बीच बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।

मुख्य सचिव ने बताया कि भारत सरकार के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट, जीवंत गांव योजना (वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम) के तहत सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी गई है। ग्रामीणों की आजीविका के लिए संसाधन उपलब्ध कराना भी मुख्य उद्देश्य है।

यूटीडीबी द्वारा सीमांत क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीमांत क्षेत्र में हेली सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। राज्य के सीमांत क्षेत्र में प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल जैसे-आदि कैलाश, ओम पर्वत, तिम्मरसैंण महादेव इत्यादि स्थित हैं, जहां दुर्गम रास्तों के कारण पर्यटकों को पहुंचने में असुविधा होती है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा पर्यटकों को हेली सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर उत्तराखंड शासन के सचिव सचिन कुर्वे, महानिरीक्षक, आईटीबीपी (उत्तरी सीमांत) संजय गुंज्याल के अलावा यूटीडीबी और आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे।

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अब यह होगी नयी योजना
इस योजना में आईटीबीपी के कार्यक्षेत्र में उपलब्ध हेलीपैड्स उपयोग में लाए जाएंगे। इसके अलावा वाईब्रेंट विलेज में रहने वाले ग्रामीणों को आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर दवाइयां उपलब्ध करवाने और हेली द्वारा हायर सेंटर ले जाने हेतु भी इन हेलीपैड का उपयोग किया जाएगा। बता दें कि उत्तराखंड में तीन सीमांत जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़) में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की अग्रिम चौकियों में तैनाती है।

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