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आगरा में जनकपुरी महोत्सव बृहस्पतिवार से शुरू हो जाएगा। दो साल बाद जनकपुरी की भव्यता सामने है। इस बार दयालबाग में जनक महल सजाया गया, लेकिन इसकी शुरुआत 58 साल पहले 1964 में हुई थी। सबसे पहले लोहामंडी क्षेत्र के नौबस्ता में जनकपुरी का आयोजन किया गया। साहित्यसेवी आदर्शनंदन गुप्त के मुताबिक नौबस्ता निवासी पंडित शिवदत्त शुक्ला, राजकुमार सर्राफ, डॉ. श्याम सिंह, भजनलाल प्रेस वाले आदि ने जनकपुरी का मंच सजवाया था। घर-घर में उल्लास था और लोहामंडी चौराहे से नौबस्ता तक बरात पर फूलों की वर्षा की गई। बगीची गोपेश्वर पर श्रीराम बरात को ठहराया गया था। पहली बार चांदी के सिंहासन पर श्रीराम, लक्ष्मण, सीता के स्वरूपों को विराजमान कराया गया था। इसमें बेलनगंज स्थित सेवा समिति के दातव्य चिकित्सालय के कंपाउंडर रामबाबू को जनक बनाया गया था। वो नि:संतान थे। उसके बाद लगातार जनकपुरी का आयोजन परंपरा बन गया। बुधवार को ऐतिहासिक श्रीराम बरात निकलेगी। बृहस्पतिवार से जनकपुर महोत्सव का शुभारंभ हो जाएगा।
श्री जनकपुरी महोत्सव कमेटी के अध्यक्ष सुरेश चंद्र गर्ग ने बताया कि बृहस्पतिवार को पुष्पांजलि हाइट्स स्थित मंदिर में प्रभु श्रीराम और सीता के विवाह के प्रतीक के रूप में तुलसी-सालिगराम विवाह होगा। इसके बाद राजा जनक के स्वरूप आलोक अग्रवाल और रानी सुनयना के स्वरूप आरती अग्रवाल सीता जी का कन्यादान करेंगे। बधाई और मंगल गीत गाए जाएंगे।
जहां सजी जनकपुरी, वहां हुआ विकास
बीस सालों में जिन-जिन स्थानों पर जनकपुरी सजी, उन स्थानों पर विकास कार्य भी खूब हुए। साहित्यसेवी आदर्श नंदन गुप्त ने पिछले 20 सालों में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सजी जनकपुरी के बारे में बताया।
– सन 2000: नेहरू नगर
– सन 2001: विभव नगर
– सन 2002: बल्केश्वर
– सन 2003: लायर्स कॉलोनी
– सन 2004: कमला नगर
– सन 2005: विजय नगर
– सन 2006: बल्केश्वर
– सन 2007: गांधी नगर
– सन 2008: कमला नगर
– सन 2009: आवास विकास कॉलोनी
– सन 2010: बल्केश्वर
– सन 2011: खंदारी
– सन 2012: जयपुर हाउस
– सन 2013: कमला नगर
– सन 2014: दयालबाग
– सन 2015: गांधी नगर
– सन 2016: बल्केश्वर
– सन 2017: आवास विकास कॉलोनी
– सन 2018: विजय नगर कॉलोनी
– सन 2019: निर्भय नगर
– सन 2022: दयालबाग
श्रीराम बरात बुधवार शाम चार बजे रावतपाड़ा स्थित लाला चन्नोमल की बारहदरी से निकलेगी। शहनाई, ढोल, नगाड़े, बैंड, बाजों की धुन पर प्रभु श्रीराम श्वेत अश्वों के रथ पर सवार होकर मिथलना नगरी के निकलेंगे। श्रीराम की बरात में लाखों भक्त शामिल होंगे।
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