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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम किसी से छिपा नहीं है। जब भी मौका मिलता है तो वह मथुरा आते हैं। यही कारण है कि साढे़ पांच साल के कार्यकाल में सीएम योगी मथुरा में 26वीं बार आए हैं। कभी वह विकास कार्यों के शिलान्यास व लोकार्पण के लिए तो कभी श्रीबांकेबिहारी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, राधा रानी समेत अन्य मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं। उनके इस कृष्ण प्रेम के साथ ही अयोध्या के बाद अबकी बारी मथुरा कहीं न कहीं उद्देश्य छिपा रहता है। वह यहां के संतों से मिलना नहीं भूलते हैं। इस बार भी जन्माष्टमी पर सीएम योगी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर पहुंचकर कान्हा के दर्शन किए।
दरअसल, जिस तरह से अयोध्या का विकास किया गया है, उसी तर्ज पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मथुरा का भी विकास चाहते हैं। यही कारण रहा कि उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उपाध्यक्ष के तौर पर शैलजाकांत मिश्र को जिम्मेदारी दे रखी है। मथुरा में जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनका सबका विकास किया जा रहा है। किसी का सौंदर्यीकरण चल रहा है तो किसी का नए सिरे से काम चल रहा है।
विकास में खर्च किए जाने हैं 20 हजार करोड़
परिषद के उपाध्यक्ष शैलकांत मिश्र का कहना है कि प्रदेश व केंद्र सरकारी आने वाले करीब चार साल में मथुरा में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। हाल ही में केंद्र सरकार ने ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग के लिए पांच हजार करोड़ की खर्च करने की घोषणा की है। सर्वे व टेंडर का काम हो चुका है। इसी तरह केंद्र सरकार ही मथुरा से वृंदावन के बीच लाइट मेट्रो पर शीघ्र काम शुरू होने की उम्मीद है। इतना ही नहीं यहां के सभी धार्मिक स्थलों को रिंग रोड से जोड़ने के लिए नेशनल हाईवे करोड़ों रुपये खर्च करेगा। अन्य योजनाएं भी चल रही हैं।
मथुरा में पहला कॉरिडोर भी बनेगा
बनारस की तर्ज पर मथुरा में भी श्रीबांकेबिहारी मंदिर तक जाने के लिए कॉरिडोर पर मंथन चल रहा है। इसके लिए सर्वे भी हो चुका है और यमुना एक्सप्रेसवे के राया इंटरचेंज से वृंदावन श्रीबांबिहारी मंदिर तक कॉरिडोर बनना है। ऐसा होने से श्रृद्धालुओं को जाम से छुटकारा मिल सकेगा। साथ ही यमुना प्राधिकरण भी एक नया शहर वृंदावन के पास बसाने पर काम कर रहा है। प्राधिकरण सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसकी डीपीआर तैयार हो रही है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम किसी से छिपा नहीं है। जब भी मौका मिलता है तो वह मथुरा आते हैं। यही कारण है कि साढे़ पांच साल के कार्यकाल में सीएम योगी मथुरा में 26वीं बार आए हैं। कभी वह विकास कार्यों के शिलान्यास व लोकार्पण के लिए तो कभी श्रीबांकेबिहारी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, राधा रानी समेत अन्य मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं। उनके इस कृष्ण प्रेम के साथ ही अयोध्या के बाद अबकी बारी मथुरा कहीं न कहीं उद्देश्य छिपा रहता है। वह यहां के संतों से मिलना नहीं भूलते हैं। इस बार भी जन्माष्टमी पर सीएम योगी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर पहुंचकर कान्हा के दर्शन किए।
दरअसल, जिस तरह से अयोध्या का विकास किया गया है, उसी तर्ज पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मथुरा का भी विकास चाहते हैं। यही कारण रहा कि उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उपाध्यक्ष के तौर पर शैलजाकांत मिश्र को जिम्मेदारी दे रखी है। मथुरा में जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनका सबका विकास किया जा रहा है। किसी का सौंदर्यीकरण चल रहा है तो किसी का नए सिरे से काम चल रहा है।
विकास में खर्च किए जाने हैं 20 हजार करोड़
परिषद के उपाध्यक्ष शैलकांत मिश्र का कहना है कि प्रदेश व केंद्र सरकारी आने वाले करीब चार साल में मथुरा में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। हाल ही में केंद्र सरकार ने ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग के लिए पांच हजार करोड़ की खर्च करने की घोषणा की है। सर्वे व टेंडर का काम हो चुका है। इसी तरह केंद्र सरकार ही मथुरा से वृंदावन के बीच लाइट मेट्रो पर शीघ्र काम शुरू होने की उम्मीद है। इतना ही नहीं यहां के सभी धार्मिक स्थलों को रिंग रोड से जोड़ने के लिए नेशनल हाईवे करोड़ों रुपये खर्च करेगा। अन्य योजनाएं भी चल रही हैं।
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