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कोर्ट का फैसला
– फोटो : अमर उजाला
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जौनपुर में आठ वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोप तय होने के बाद महज 28 दिन में दोषी को न्यायालय ने 20 साल की सजा का फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट काशी प्रसाद सिंह यादव की अदालत ने दोषी पर बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। आरोप तय होने के बाद महज 28 दिन में इस तरह का फैसला आने वाला यह जिले का पहला मामला बताया जा रहा है। मामला सिकरारा थाना क्षेत्र के एक गांव का है।
पीड़िता की मां ने प्राथमिकी दर्ज कराया था कि उसकी आठ वर्ष की पुत्री बगल के रहने वाले नंदलाल निषाद के घर 18 दिसंबर 2020 की शाम करीब सात बजे बेलन लेने गई थी। बच्ची को अकेला पाकर वृद्ध नंदलाल निषाद ने उसके साथ दरिंदगी की। पीड़िता भयभीत होकर डरी सहमी हालत में घर आकर चुपचाप सो गई।
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दूसरे दिन उसने सारी बातें बताई। उसकी तहरीर के आधार पर ही बच्ची का मेडिकल हुआ व मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज हुआ। पुलिस ने कोर्ट में केस डायरी दाखिल की। मामला अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट काशी प्रसाद सिंह यादव के न्यायालय में था। इस मामले में कोर्ट ने 10 अप्रैल 2023 को दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में आरोप तय किया।
उसके बाद प्रतिदिन सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मात्र 28 दिन में सभी गवाहों को परीक्षित कराते हुए सजा सुनाया। सरकारी वकील राजेश कुमार उपाध्याय व कमलेश राय ने कोर्ट में गवाहों का बयान अंकित कराया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद नंदलाल निषाद दोषी पाते हुए 20 साल की सजा और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया है। सरकारी वकील राजेश कुमार उपाध्याय ने कहा कि जनपद जौनपुर के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि आरोप तय होने के 28 दिन के भीतर सजा हुई है।
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