KANPUR: चार माह के लिए डीएम बने थे, साढ़े चार माह बाद फिर आए विशाख जी.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 08 Jun 2022 12:40 AM IST

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विशाख जी. को दोबारा कानपुर का जिलाधिकारी बनाया गया है। मंगलवार की शाम को शासन से जारी आदेश के बाद वर्तमान जिलाधिकारी नेहा शर्मा का स्थानांतरण कर दिया गया है। विशाख जी. इससे पहले 23 सितंबर 2021 को महानगर के जिलाधिकारी बनाए गए थे लेकिन कुल 121 दिन (लगभग चार माह) बाद विधानसभा चुनाव के बीच उन्हें वापस मुख्यमंत्री कार्यालय बुला लिया गया था।

तब कहा गया था कि विपक्ष की शिकायत पर ऐसा हुआ है। अब करीब साढ़े चार महीने बाद वह दोबारा यहां फिर से आ रहे हैं। उस दौरान उन्होंने विभागों में जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर विशेष अभियान चलाया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि जिन शिकायतों को स्थानीय स्तर पर निस्तारित किया जा सकता है, उन शिकायतों को लेकर यदि कोई मुख्यमंत्री कार्यालय जाता है तो यह संबंधित विभागों की निष्क्रियता है।
इसी तरह उन्होंने धान क्रय केंद्रों की घटतौली के खिलाफ अभियान चलाकर कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी। उनकी प्राथमिकता मे किसानों के फसलों को उचित मूल्य मिले और क्रय केंद्रों पर उन्हें खरीदा जाए। इसके अलावा हैलट, उर्सला में मरीजों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए भी कई बार औचक निरीक्षण किया था। इसी तरह के कई और कार्य हैं, जिसके लिए जिलाधिकारी विशाख जी. का शहर को इंतजार है।
पुस्तकालय को उम्मीद
पिछले वर्ष एक दिसंबर को विशाख जी. ने चुन्नीगंज स्थित राजकीय जिला पुस्तकालय का निरीक्षण कर उसके सुंदरीकरण का एलान किया था। उसी समय आठ किलोवाट का सोलर प्लांट, इंटरलाकिंग, बाथरूम रेनोवेशन, पीने का पानी, कंप्यूटर, फर्नीचर और मरम्मत समेत लगभग 30 लाख का प्रस्ताव बनाकर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को भेजा गया था। उनके जाने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। उनके दोबारा डीएम बनकर आने के बाद पुस्तकालय के सदस्यों की उम्मीदें जागी हैं।

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विशाख जी. को दोबारा कानपुर का जिलाधिकारी बनाया गया है। मंगलवार की शाम को शासन से जारी आदेश के बाद वर्तमान जिलाधिकारी नेहा शर्मा का स्थानांतरण कर दिया गया है। विशाख जी. इससे पहले 23 सितंबर 2021 को महानगर के जिलाधिकारी बनाए गए थे लेकिन कुल 121 दिन (लगभग चार माह) बाद विधानसभा चुनाव के बीच उन्हें वापस मुख्यमंत्री कार्यालय बुला लिया गया था।

तब कहा गया था कि विपक्ष की शिकायत पर ऐसा हुआ है। अब करीब साढ़े चार महीने बाद वह दोबारा यहां फिर से आ रहे हैं। उस दौरान उन्होंने विभागों में जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर विशेष अभियान चलाया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि जिन शिकायतों को स्थानीय स्तर पर निस्तारित किया जा सकता है, उन शिकायतों को लेकर यदि कोई मुख्यमंत्री कार्यालय जाता है तो यह संबंधित विभागों की निष्क्रियता है।

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