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कानपुर के रामबाग में बुधवार रात पिता ने सोते वक्त अपने बेटे और बहू का धारदार चाकू से गला रेत दिया । दोनों तड़पते रहे और वह तब तक वहां बैठा रहा जब तक उनकी जान नहीं चली गई। गुरुवार सुबह उसने बेटे-बहू की हत्या होने का ड्रामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने चंद घंटे बाद वारदात का खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में वारदात कबूली है। आपसी विवाद, आर्थिक तंगी समेत कई छोटे-छोटे कारण हैं, जिनकी वजह से आरोपी ने वारदात को अंजाम देने का दावा किया है। रामबाग में विवेक दीक्षित का मकान है, जिसमें मूलरूप से चौबेपुर के निवासी शिवम तिवारी (27) अपने परिवार के साथ रहते थे। बुधवार रात घर के भीतर शिवम और उसकी पत्नी जूली (25) की गला रेतकर हत्या कर दी गई। गुरुवार सुबह करीब छह बजे पुलिस पहुंची। शिवम के पिता दीप कुमार से पूछताछ शुरू की, जिसके बाद परतें खुलती चली गईं।
इस तरह वारदात को दिया अंजाम, फिर रची कहानी
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि शिवम व जूली के अलावा घर में शिवम का पिता दीप कुमार व बड़ा भाई मोनू (मानसिक रूप से कमजोर) रहता है। बुधवार रात करीब 11 बजे मोनू छत पर सोने चला गया। इधर कमरे में शिवम, जूली सो गए। दीप कमरे में ही था लेकिन वह जागता रहा। रात 12 या एक बजे के बीच दीप ने चाकू से पहले शिवम और फिर जूली का गला रेत दिया। जब दोनों की मौत हो गई तो वह छत पर जाकर सो गया।
इसके बाद उसने कहानी रची। वह करीब पांच बजे नीचे आया और घर के भीतर घुसते ही चीखने चिल्लाने लगा। तब पड़ोसी किरायेदार वहां पहुंचे, जहां शिवम व जूली के शव पड़े थे।
इसलिए अपनों का कर दिया कत्ल
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि दीपू व शिवम एक चाय की दुकान व चाट का ठेला लगाते थे। यही पूरे परिवार की कमाई का जरिया था। मोनू बीमार रहता है। उसका इलाज भी चल रहा है।
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