Kanpur Firing: पहले बेटे-बहू को बंधक बनाया, फिर दो घंटे में की 40 राउंड फायरिंग, जानें अब आरोपी का क्या होगा?

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कानपुर के श्याम नगर गोलीकांड में पुलिस ने आरोपी पर दो केस दर्ज किए हैं। एक केस हमला करने से संबंधित है और दूसरा आर्म्स एक्ट का है। पूछताछ के बाद पुलिस ने सोमवार को गोलीबारी करने वाले सिरफिरे और उसकी पत्नी को जेल भेज दिया। लाइसेंसी बंदूक को सीज कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी मानसिक बीमार है। श्यामनगर सी ब्लॉक में रविवार दोपहर घरेलू विवाद में राजेंद्र कुमार दुबे ने बेटे सिद्धार्थ व बहू भावना को बंधक बना लिया था। सूचना पर जब पुलिस पहुंची थी तो राजेंद्र ने फायरिंग कर दी थी। करीब दो घंटे में 40 राउंड फायरिंग की। बमुश्किल पुलिस ने उसको समझा-बुझाकर पकड़ा था। डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि राजेंद्र व उसकी पत्नी किरन को जेल भेजा गया है। राजेंद्र जब छत से पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर रहा था, तब उसके साथ किरन भी थी। इसकी पुष्टि घटना के वीडियो व फोटो से हुई है। पुलिसकर्मियों ने बताया कि किरन राजेंद्र को कारतूस दे रही थी। साथ ही पुलिसकर्मियों की लोकेशन भी बता रही थी।

38 वीडियो और 85 फोटो मिले

पुलिस ने खुद अपनी तरफ से वीडियो बनवाने के साथ फोटो कराए थे। आसपास के लोगों से भी वीडियो और फोटो जुटाए हैं। अब तक जांच में 38 वीडियो व 85 फोटो शामिल किए गए हैं। इनमें राजेंद्र गोली दागते और किरन उसका साथ देते दिख रही है।

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आरोपी के हाथ में बारूद की पुष्टि, 20 खोखे बरामद

श्याम नगर गोलीकांड की फोरेंसिक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है कि राजेंद्र कुमार ने ही गोली चलाई थी। आरोपी की जीएसआर (गनशॉट रिजिड्यू) रिपोर्ट में उसके हाथ में बारूद मिला है। डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि करीब 40 राउंड आरोपी ने फायर किए थे। इनमें से 20 खोखे बरामद कर लिए गए हैं। 

30 कारतूस भी मिले हैं। एक दर्जन छर्रे भी फोरेंसिक टीम ने एकत्र किए हैं। जीएसआर टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आना आरोपी के खिलाफ अहम वैज्ञानिक साक्ष्य है। डीसीपी ने बताया कि अगर आरोपी का बेटा या बहू तहरीर देंगे तो केस दर्ज करेंगे। पड़ोसी भी शिकायत कराते हैं, तो उनकी भी रिपोर्ट दर्ज की जाएगी, क्योंकि पड़ोसियों को भी निशाना बनाकर आरोपी ने गोलियां चलाई थीं। 

शस्त्र लाइसेंस होगा निरस्त 

पुलिस की जांच में सामने आया कि दो बार फायर मिस हुए थे। फोरेंसिक टीम ने ऐसे दो कारतूस बरामद किए हैं। डीसीपी ने बताया कि मामले में अब जल्द ही आरोपी के डबल बैरल बंदूक के लाइसेंस को निरस्त कराने के लिए प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। यह भी जांच का विषय है कि जब आरोपी मानसिक रूप से बीमार था तो लाइसेंसी बंदूक क्यों रखे था। वहीं जिस लाइसेंसी रिवाल्वर की बात सामने आ रही थी, वह राजेंद्र के भाई की है।

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