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कुलपति प्रो. विनय पाठक
– फोटो : amar ujala
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कमीशनखोरी में घिरे छत्रपति शाहूजी महाराज विवि, कानपुर के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने अपनी पीएचडी की डिग्री में भी घालमेल किया है। एसटीएफ की जांच में इसके सुबूत मिले हैं।
जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि प्रो. पाठक ने डिग्री हासिल करने के लिए जिस थीसिस को सिर्फ अपने अकेले का बताया था दरअसल उसे तैयार करने में कई लोगों का योगदान था। यह बात भी सामने आई है कि उन्होंने कुलपति बनने के लिए जो दस्तावेज इस्तेमाल किए उनमें भी घालमेल था।
जांच इस दिशा में भी आगे बढ़ रही है। एकेटीयू द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में भी उनके कार्यकाल के दौरान की कई खामियां सामने आई हैं। इन्हें सूचीबद्ध किया जा रहा है। प्रो. पाठक की फर्जी डिग्री व साहित्य चोरी का मामला 2018 में राज्यसभा में भी उठा था।
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