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तीन जून को नई सड़क पर हुए बवाल के मामले में सोमवार को एक आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट में एडीजीसी दिनेश अग्रवाल ने केस डायरी में दर्ज प्रभारी निरीक्षक के बयानों का हवाला दिया तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। एसआईटी की केस डायरी से पता चला कि उपद्रव करने वालों को पकड़े जाने पर नि:शुल्क वकील और परिवार को आर्थिक मदद का आश्वासन देकर इकट्ठा किया गया था। नाबालिग लड़कों को एक से पांच हजार रुपये तथा ठेलिया से पत्थर लाने व गोली बम चलाने वालों को पांच-पांच हजार रुपये दिए गए थे। बेकनगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक नवाब अहमद के बयान में यह बात सामने आई है कि हयात जफर हाशमी और निजाम कुरैशी जहां बंदी को सफल बनाने की रणनीति तैयार कर रहे थे वहीं बंदी की आड़ में बिल्डर हाजी वसी और उसका मैनेजर हमजा, मुख्तार बाबा और उसका लड़का महमूद उमर चंद्रेश्वर हाता कब्जाने की जुगत में थे।
प्रदर्शनकारियों की भीड़ में उपद्रवियों को शामिल कर ईंट-पत्थर, गोलियां व बम चलाने की योजना बनाई गई। इसके लिए शातिर अफजाल को दस लाख रुपये बयाना दिया गया और चंद्रेश्वर हाते पर कब्जे के बाद एक करोड़ रुपये देने का वादा किया गया।
नई सड़क पर 3 जून को हुए उपद्रव के एक और आरोपी सकलेन की तीन जमानत अर्जियां अपर जिला जज 16 जितेंद्र कुमार द्विवेदी ने खारिज कर दी हैं।
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