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महाकवि तुलसीदास का जन्मस्थान राजापुर बताए जाने के विरोध में कासगंज की नगरपालिका सोरोंजी के 27 सभासदों ने मंगलवार को सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा जिलाधिकारी को दे दिया। सभासदों ने कहा कि सरकार राजापुर को तुलसी की जन्मभूमि मानना बंद करें या फिर 27 सभासदों का सामूहिक इस्तीफा स्वीकार करें। सभासदों ने कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी के समक्ष अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
सामूहिक इस्तीफा देने से पहले नगरपालिका के सभासदों ने पूर्व चेयरमैन मुन्नी देवी की अध्यक्षता में बैठक कर कहा कि राजापुर का तुलसीदास जन्मभूमि के रूप में विकास योजनाएं तैयार कराना स्वीकार नहीं है। क्योंकि राजापुर तुलसीदास का जन्मस्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी के अभाव में सूकर क्षेत्र सोरोंजी के स्थान पर राजापुर को तुलसी जन्मभूमि कहा है। सभासदों ने जिलाधिकारी के समक्ष स्पष्ट किया कि सरकार राजापुर के तुलसीदास के जन्मस्थान के रूप में विकास के निर्देशों को वापस ले।
इस्तीफा देने वाले सभासद
सभासद संजय उपाध्याय, नन्द किशोर, धर्मेन्द्र, शरद तिवारी, कृष्ण मोहन, मुकेश कटारे, अमित मिश्रा,इंद्र कुमार तिवारी, अनीता, विमलेश, जंगबहादुर, रेशमा, मीरा देवी, डॉली, यजोन्द्रपाल, सत्यवीर, अर्जुन, सुनीता माहेश्वरी, महेंद्र, विनीता तिवारी, कुमकुम तिवारी, सुनीता दुबे, रीना, इकरार, बृजरानी महेरे (मनोनीत), डॉ. रविकांत गुप्ता (मनोनीत), रामसेवक बघेल (मनोनीत) ने इस्तीफा दिया है।
सभासदों ने ये कहा
सभासद नंदकिशोरी ने कहा कि तीर्थनगरी की अस्मिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार के निर्णय से हमारी भावनाओं को ठेस पहुंची है। सोरोंजी ही तुलसी का जन्मस्थान है। धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि यदि राज्य सरकार राजापुर को तुलसीदास जन्मस्थान बताना बंद नहीं करती तो हम सभी सभासदों का इस्तीफा स्वीकार करें।
सभासद रमाकांत तिवारी ने कहा कि तुलसीदास सोरोंजी तीर्थनगरी में जन्मे और राजापुर को अपनी कर्मभूमि बनाया था। कर्मभूमि के रूप में राजापुर के विकास पर कोई आपत्ति नहीं हैं। सभासद अतुल तिवारी ने कहा कि नगर हित में सभासदों ने राज्य सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि राजापुर को तुलसी जन्मस्थान बताने का ट्वीट सरकार वापस लें।
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा कि सभासदों ने तुलसीदास का जन्मस्थान राजापुर बताए जाने पर आपत्ति की है। पूरा प्रकरण शासन के संज्ञान में लाया जाएगा।
विस्तार
महाकवि तुलसीदास का जन्मस्थान राजापुर बताए जाने के विरोध में कासगंज की नगरपालिका सोरोंजी के 27 सभासदों ने मंगलवार को सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा जिलाधिकारी को दे दिया। सभासदों ने कहा कि सरकार राजापुर को तुलसी की जन्मभूमि मानना बंद करें या फिर 27 सभासदों का सामूहिक इस्तीफा स्वीकार करें। सभासदों ने कलक्ट्रेट में जिलाधिकारी के समक्ष अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
सामूहिक इस्तीफा देने से पहले नगरपालिका के सभासदों ने पूर्व चेयरमैन मुन्नी देवी की अध्यक्षता में बैठक कर कहा कि राजापुर का तुलसीदास जन्मभूमि के रूप में विकास योजनाएं तैयार कराना स्वीकार नहीं है। क्योंकि राजापुर तुलसीदास का जन्मस्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकारी के अभाव में सूकर क्षेत्र सोरोंजी के स्थान पर राजापुर को तुलसी जन्मभूमि कहा है। सभासदों ने जिलाधिकारी के समक्ष स्पष्ट किया कि सरकार राजापुर के तुलसीदास के जन्मस्थान के रूप में विकास के निर्देशों को वापस ले।
इस्तीफा देने वाले सभासद
सभासद संजय उपाध्याय, नन्द किशोर, धर्मेन्द्र, शरद तिवारी, कृष्ण मोहन, मुकेश कटारे, अमित मिश्रा,इंद्र कुमार तिवारी, अनीता, विमलेश, जंगबहादुर, रेशमा, मीरा देवी, डॉली, यजोन्द्रपाल, सत्यवीर, अर्जुन, सुनीता माहेश्वरी, महेंद्र, विनीता तिवारी, कुमकुम तिवारी, सुनीता दुबे, रीना, इकरार, बृजरानी महेरे (मनोनीत), डॉ. रविकांत गुप्ता (मनोनीत), रामसेवक बघेल (मनोनीत) ने इस्तीफा दिया है।
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