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कासगंज के थाना सिकंदरपुर वैश्य के इंस्पेक्टर की पत्नी की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। मायका पक्ष ने आत्महत्या की थ्योरी को नकार दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर इंस्पेक्टर और पांच ससुरालीजनों पर हत्या व दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मृतका की मां ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। मामले की विवेचना सीओ को सौंपी गई है।
मंगलवार की रात सिकंदरपुर वैश्य थाना परिसर स्थित सरकारी आवास में मंगलवार की रात एसओ विवेक गुप्ता की पत्नी दीप्ति पोरवाल उर्फ आरती (30) की गोली लगने से मौत हो गई थी। थाना परिसर में गोली चलने की आवाज सुनकर पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए। मौके पर जब तक पुलिसकर्मी पहुंचे, तब तक दीप्ति की मौत हो चुकी थी। खून से लथपथ शव मौके पर पड़ा हुआ था। पुलिस को घटनास्थल पर एक तमंचा मिला है। माना जा रहा है कि इसी तमंचे से गोली चली है। इंस्पेक्टर ने बताया कि पत्नी ने तमंचे से खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है।
बुधवार की सुबह मायकेवाले थाने पहुंच गए। उन्होंने आत्महत्या की बात को सिरे से नकार दिया। मायकेवालों ने इंस्पेक्टर पर उनके घरवालों पर दीप्ति की हत्या करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी। आरोपी विवेक कुमार सिकंदरपुर वैश्य थाने के प्रभारी निरीक्षक हैं।
पुलिस ने औरैया के बिधूना निवासी दीप्ति की मां शशिप्रभा की तहरीर पर एसओ विवेक कुमार, उनकी मां कृष्णकांती, बहन नीलम, बहनोई जवाहर, बड़े भाई प्रदीप, उनकी पत्नी के खिलाफ तमंचे से गोली मारकर हत्या करने के आरोपी में प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
शशिप्रभा ने बताया कि 16 फरवरी 2015 को इंस्पेक्टर विवेक कुमार से दीप्ति की शादी हुई थी। 20 लाख रुपये शादी में खर्च कर दहेज का सामान व उपहार दिए गए, जिनसे इंस्पेक्टर के परिजन संतुष्ट नहीं थे।
उन्होंने बताया कि शादी के कुछ दिन बाद उनके पति अशेक कुमार की मौत हो गई। इसके बाद इंस्पेक्टर लगातार उनकी प्रॉपर्टी को अपने नाम कराने की मांग कर रहे थे। परिवार के लोगों ने कई बार समझाया, लेकिन इंस्पेक्टर और उसके परिवार के लोग मानने को तैयार नहीं थे।
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