मुजफ्फरनगर के जानसठ थानाक्षेत्र के मलिकपुरा में ममेरे-फुफेरे भाई सचिन और गौरव की नौवीं पुण्यतिथि रविवार को मनाई जा रही है। परिजनों के मुताबिक केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
मलिकपुरा में सचिन व गौरव की पुण्यतिथि पर आयोजित हवन यज्ञ में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर संजीव बालियान, विधायक विक्रम सैनी, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल निर्वाल व परिवार के लोग सहित गणमान्य लोग पहुंचे। सभी ने मृतक ममेरे-फुफेरे भाईयों सचिन व गौरव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पुलिस बल भी तैनात रहा।
बता दें कि गांव कवाल में 27 अगस्त 2013 को मलिकपुरा के ममेरे-फुफेरे भाई सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी। पुण्यतिथि को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क हो गया था। सीओ शकील अहमद और पुलिस इंस्पेक्टर विश्वजीत सिंह ने मलिकपुरा में होने वाली पुण्यतिथि पर सुरक्षा व्यवस्था देखी। आज गांव कवाल व मलिकपुरा में आने-जाने वाले रास्तों पर पुलिस के अलावा पीएसी बल तैनात किया गया है।
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नौ साल पहले कवाल से उठी नफरत की चिंगारी से मुजफ्फरनगर जल उठा था। घर छूटे और भाईचारा टूटा, लेकिन यहां जिंदगी फिर मुस्कुराने लगी है। कवाल में फिलहाल किसी तरह का विवाद नजर नहीं आता। दोनों समुदाय के धार्मिक कार्यक्रम धूमधाम से होते हैं। ग्रामीण आपस में बिना भेदभाव के बातचीत करते दिखाई देते हैं। गांव का माहौल सौहार्दपूर्ण है। ग्रामीण अब उस घटना को धीरे धीरे भूलने लगे हैं।
कवाल में 27 अगस्त 2013 को मजरे मलिकपुरा के ममेरे-फुफेरे भाई सचिन और गौरव से हुए झगड़े में शाहनवाज की मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने बाजार के चौराहे पर सचिन और गौरव की नृशंस हत्या कर दी थी। यही वारदात मुजफ्फरनगर दंगे की वजह बनी। अब इस वारदात को नौ साल बीत चुके हैं। गांव में अमन कायम है, फिर कोई बड़ी वारदात नहीं हुई। गांव के बाहर का मुख्य द्वार कवाल की पहचान है, जहां पर प्रतिदिन ग्रामीणों की आवाजाही रहती है। बाजारों में दुकानदार समय पर अपनी दुकानें खोलते हैं। हालांकि जिन परिवारों ने अपनों को खो दिया है, उसका गम उन्हें ताउम्र सालता रहेगा।
उस दिन को याद नहीं करना चाहते
कवाल के पूर्व प्रधान महेंद्र सैनी का कहना है कि गांव में सभी ग्रामीण आपस में भाईचारे से रह रहे हैं। आपस में बातचीत करते हैं। कोई भी ग्रामीण कवाल कांड को याद नहीं करता। ग्रामीण उस घटना को भुलाते जा रहे हैं।
बदल गया है मेरा गांव : इस्लाम
ग्राम प्रधान मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि गांव में ग्रामीण सभी त्योहार मनाते हैं। सभी एक-दूसरे के त्योहारों में शरीक होते हैं। वह दूसरी योजना में भी प्रधान बने हैं। रामलीला के मंचन का उद्घाटन करते हैं। कांवड़ यात्रा में शिविर भी लगाते हैं। आपस में ग्रामीण खुशी के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं।