भगवान भाष्कर के राशि परिवर्तन से खरमास की शुरूआत होगी। सूर्य के वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करते ही 16 दिसंबर से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा और शहनाई की धुन भी थम जाएगी। सूर्य के राशि परिवर्तन से कर्क, तुला, कुंभ और मीन राशि वाले जातक विशेष लाभान्वित होंगे और अन्य राशियों पर भी इसका प्रभाव नजर आएगा।
काशी के ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि सूर्य का राशि परिवर्तन मूल नक्षत्र में 16 दिसंबर को दिन में 9:58 बजे पर होगा। सूर्य 14 जनवरी 2023 तक रात्रि 8:45 बजे तक धनु राशि में विचरण करेंगे और इसके बाद मकर राशि में प्रवेश करेंगे। संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी 2023 को सूर्योदय से दिन में 12:45 बजे तक रहेगा।
सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास आरंभ हो जाएगा। खरमास के दौरान सभी मांगलिक कार्य उपनयन, शुभ विवाह, द्विरागमन, वधू प्रवेश, प्रसूति स्नान, नामकरण, अन्नप्राशन, विद्यारंभ, व्यापारांभ और गृहप्रवेश आदि वर्जित रहता है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धनु संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि में, चंद्रमा सिंह राशि में, मंगल वृषभ राशि, बुध व शुक्र धनु राशि में, गुरु-मीन राशि में, शनि मकर राशि में, राहु मेष राशि, राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में विराजमान होंगे।
भगवान भाष्कर के राशि परिवर्तन से खरमास की शुरूआत होगी। सूर्य के वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करते ही 16 दिसंबर से मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा और शहनाई की धुन भी थम जाएगी। सूर्य के राशि परिवर्तन से कर्क, तुला, कुंभ और मीन राशि वाले जातक विशेष लाभान्वित होंगे और अन्य राशियों पर भी इसका प्रभाव नजर आएगा।
काशी के ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि सूर्य का राशि परिवर्तन मूल नक्षत्र में 16 दिसंबर को दिन में 9:58 बजे पर होगा। सूर्य 14 जनवरी 2023 तक रात्रि 8:45 बजे तक धनु राशि में विचरण करेंगे और इसके बाद मकर राशि में प्रवेश करेंगे। संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी 2023 को सूर्योदय से दिन में 12:45 बजे तक रहेगा।
सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास आरंभ हो जाएगा। खरमास के दौरान सभी मांगलिक कार्य उपनयन, शुभ विवाह, द्विरागमन, वधू प्रवेश, प्रसूति स्नान, नामकरण, अन्नप्राशन, विद्यारंभ, व्यापारांभ और गृहप्रवेश आदि वर्जित रहता है।