कवि कुमार विश्वास ने शुक्रवार की शाम हर मन की प्रेमकथाओं को गीतों, मुक्तकों के जरिए अभिव्यक्त किया। उनके गीतों में जहां प्रेम के संयोग लोगों का ध्यान खींचते रहे, वहीं वियोग भाव की पक्तियों पर आंखों की कोर बरबस गीली होती नजर आई। वह मौजूदा दौर की सियासत को भी स्पर्श करना नहीं भूले। गुजरात चुनाव से लेकर मोदी-शाह की जोड़ी पर कसीदे पढ़े, तो गंगा अवतरण के गीत सुनाकर जीवन से लेकर मुक्ति तक का बोध कराया।
मौका था एशिया के सबसे बड़े शैक्षिक न्यास कायस्थ पाठशाला के 150वें वार्षिकोत्सव का। मेजर रंजीत सिंह स्पोर्ट्स कांप्लेक्स परिसर में शाम सात बजे पहुंचे कुमार विश्वास का कविता प्रेमियों की भीड़ ने जयकारे के साथ स्वागत किया। खचाखच उमड़ी भीड़ उनको सुनने और कविताओं के प्रवाह में उतरने के लिए आतुर नजर आई। दीप प्रज्ज्वलन के बाद कुमार विश्वास ने पुराने संस्मरणों से माहौल बनाया।
उन्होंने दिल्ली में हुए एक कवि सम्मेलन के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी की सहजता का जिक्र इस आशय से किया कि बड़ा होने के लिए पद नहीं, आत्मा बड़ी होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार के निर्णयों और संकल्पों से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी की तारीफ भी की। इसके बाद उन्होंने प्रेम पर आधारित मुक्तकों, गीतों से शुरुआत की।
पंक्तियां इस तरह थीं- जिंदगी से लड़ा हूं तुम्हारे बिना/हाशिये पर खड़ा हूं तुम्हारे बिना/तुम गई छोड़कर जिसजगह मोड़ पर/मैं वहीं पर खड़ा हूं तुम्हारे बिना…। इन गीत की पंक्तियों पर श्रोता तालियां बजाकर उनका साथ भी देते रहे। बीच-बीच में वह पुरुषवादी मानसिकता में बदलाव लाने की अपील करने के साथ ही यह बताने की कोशिश करते रहे कि पति-पत्नी दोनों जिंदगी रूपी एक ही रथ के दो पहिये हैं, जो साथ नहीं चलेंगे तो सबकुछ बिखरने का डर हमेशा बना रहेगा।
अंत में उन्होंने संगमनगरी में गंगा गीत से हर तन मन को सींचा। उन्होंने गीत पढ़ा कि खिलौने साथ बचपन तक/जवानी तक रवानी तक/यही अनुभव भरे किस्से/ बुढ़ापे की कहानी तक/जमाने में सहारे हैं सभी बस जिंदगी भर के/मगर ये जिंदगी के आखिरी पल का सहारा है/ये गंगा का किनारा है…। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी के अलावा विशिष्ट अतिथि के तौर पर कजरी गायिका पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव,महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी, पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, एडीजी प्रेम प्रकाश, कुमार नारायण, एसडी कौटिल्य समेत कई लोग उपस्थित थे। अध्यक्षता केपी ट्रस्ट के अध्यक्ष जितेंद्र नाथ सिंह ने की।
कुमार विश्वास और पद्मश्री अजिता सम्मानित
मेजर रंजीत सिंह स्पोर्ट्स कांप्लेक्स परिसर में बने भव्य मंच पर शुक्रवार को कवि कुमार विश्वास को अंग वस्त्रम और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान लोक गायिका पद्मश्री अजिता श्रीवास्तव को भी अंगवस्त्रम से नवाजा गया।