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लखीमपुर खीरी और यहां की तहसील निघासन एक बार फिर चर्चा में हैं। निघासन तहसील के गांव में दो दलित बहनों के साथ हुए दुष्कर्म और फिर उनकी हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा तो कर दिया है, लेकिन अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से लेकर भीम आर्मी समेत अन्य राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। दरअसल इस बार मामला दलित परिवार से जुड़ा हुआ है और राजनीतिक दल इस मामले पर सरकार को घेर कर दलित वोट बैंक की जुगत में लग गए हैं। चर्चाएं तो इस बात की भी हैं कि भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर दलित बेटियों की हत्या के विरोध में लखीमपुर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलेंगे। इसके अलावा सभी प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधिमंडल भी पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे।
मायावती भी हुईं हमलावर
लखीमपुर खीरी में हुई घटना को लेकर बसपा और कांग्रेस के बड़े नेता और समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। दरअसल बीते कुछ समय से लखीमपुर खीरी के निघासन में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जिससे यह इलाका राजनीतिक रूप से नफा नुकसान की नर्सरी के तौर पर देखा जाने लगा। लखीमपुर में हुई घटना पर बसपा और दलितों की बड़ी नेता के तौर पर पहचान रखने वाली मायावती ने घटना के अगले दिन उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर हमला बोला। मायावती ने कहा कि कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के मामले में सरकार के दावों की पोल खुली है। उन्होंने आरोप लगाते हुए हाथरस मामले में लीपापोती को लखीमपुर में हुई घटना की मुख्य वजह बताया। लखीमपुर खीरी में दलितों की राजनीति करने वाले टेकचंद कहते हैं कि मामले में पुलिस ने तत्परता दिखा कर अपराधियों को तो पकड़ लिया, लेकिन सवाल यही उठता है कि इतनी हिम्मत आखिर हुई कैसे। अखिल भारतीय सर्वजन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले टेकचंद कहते हैं कि उनका संगठन इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर लड़ाई लड़ेगा।
पीड़ित परिवार से मिल सकते हैं भीम आर्मी चीफ
भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र शेखर आजाद ने लखीमपुर में हुई घटना पर सरकार को घेरा है। जानकारी के मुताबिक भीम आर्मी चीफ लखीमपुर खीरी पहुंच कर पीड़ित परिवार से ना सिर्फ मिलेंगे, बल्कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वह लड़ाई लड़ने के लिए अपने संगठन को वहां पर जिम्मेदारी भी देंगे। जानकारों का कहना है कि लखीमपुर खीरी पुलिस फिलहाल इस पूरी घटना को खोलने के बाद अलर्ट मोड पर है। क्योंकि जिस तरीके से इस पूरी घटना पर देशभर के नेताओं के बयान आ रहे हैं उससे जिले की जमीन पर एक बार फिर से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो सकती हैं। जानकारों का कहना है कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के अलावा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बड़े नेता भी लखीमपुर खीरी में पीड़ित परिवार से मिलने जा सकते हैं। इस दौरान कोई कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए बाकायदा पुलिस और प्रशासन के स्तर पर इंतजाम भी दुरुस्त कर लिए गए हैं।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी साधा निशाना
लखीमपुर में हुई घटना के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने कहा कि लखीमपुर खीरी के निघासन में जिस परिवार में यह घटना हुई है वह उनका ही परिवार है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं कर रही है। जानकारों का कहना है कि परिजनों से मिलने के लिए चंद्रशेखर और उनके कार्यकर्ता जल्द ही पहुंच सकते हैं। इसकी सूचना भी मिल रही है। इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अखबारों और टीवी में झूठे विज्ञापन देकर कानून व्यवस्था अच्छा होने का दावा करने वाली सरकार हकीकत में फेल हो गई है। जबकि भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने लखीमपुर में हुई दलित बेटियों की हत्या पर भारतीय जनता पार्टी को घेरा है। उन्होंने कहा कि जब बलात्कारियों को रिहा किया जाएगा और उनका सम्मान किया जाएगा तो महिला सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी ने भी राज्य सरकार को निशाने पर लिया। पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के बाद अब दलित बेटियों की हत्या हाथरस की बेटी हत्याकांड की पुनरावृत्ति है। समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जल्द ही अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के नेता इस मामले में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे। फिर समाजवादी पार्टी ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से जुड़े नेताओं का प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर के निघासन में पीड़ित परिवार से जाकर मुलाकात करेगा।
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