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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 02 Jun 2022 10:09 PM IST
आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्रफल पर अवैध दुकानों के अलावा मनमाना तरीके से गराए गए रैंप और अन्य निर्माणों को लेकर संगम किनारे स्थित बड़े हनुमान प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सेना ने मंदिर परिसर के आसपास से अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया है। सेना चाहती है कि मंदिर प्रबंधन खुद से अवैध निर्माणों को हटा ले। अगर ऐसा नहीं किया गया तो सेना की ओर से अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
मठ बाघंबरी गद्दी और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के महंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेंद्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद सेना ने एक बार फिर अभी भूमि खाली कराने के लिए पहल शुरू कर दी है। सेना की ओर से प्रयागराज मेला प्राधिकरण को भूमि की पैमाइश कराने के लिए कहा गया है। बड़े हनुमान मंदिर के आसपास मूल मंदिर के अलावा परिसर का क्षेत्र काफी बड़ा है। इसमें कई दुकानें बन गई। मौजूदा समय वहां लड्डू के अलावा, पूजा और प्रसाद की कई अवैध दुकानों का निर्माण करा लिया गया है।
इन दुकानों का संचालन मंदिर प्रबंधन ही अपने आदमियों से करवा रहा है और इससे हर महीने लाखों रुपये की कमाई की जा रही है। इसके अलावा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबंधन ने रैंप का भी निर्माण कराया है। यह रैंप भी मंदिर को आवंटित भूमि के अलावा है। इस पर सेना ने आपत्ति जताई है।
2019 में भी भेजा गया था नोटिस
सेना ने नोटिस जारी कर मंदिर के लिए आवंटित भूमि के अलावा अन्य सभी निर्माणों को हटाने के लिए कहा है। इससे पहले वर्ष 2019 में भी संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर को आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्रफल पर अवैध कव्ब्जा और निर्माण का मुद्दा उठ चुका है। तब सेना ने अवैध निर्माण हटाने के लिए मंदिर प्रबंध को जब नोटिस जारी किया तब तत्कालीन महंत नरेंद्र गिरि ने रक्षा मंत्रालय से मदद की गुहार लगाते हुए मोहलत मांगी थी।
इस मामले पर रक्षामंत्रालय से मार्ग दर्शन प्राप्त किया जा रहा है। संगम स्थित हनुमान मंदिर को आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्रफल पर अवैध निर्माण के मामले में अब तक की प्रगति के बारे में जल्द ही अवगत कराया जाएगा। – समीर गंगखेडकर, क्षेत्रीय पीआरओ-रक्षामंत्रालय, प्रयागराज क्षेत्र।
विस्तार
आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्रफल पर अवैध दुकानों के अलावा मनमाना तरीके से गराए गए रैंप और अन्य निर्माणों को लेकर संगम किनारे स्थित बड़े हनुमान प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सेना ने मंदिर परिसर के आसपास से अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया है। सेना चाहती है कि मंदिर प्रबंधन खुद से अवैध निर्माणों को हटा ले। अगर ऐसा नहीं किया गया तो सेना की ओर से अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
मठ बाघंबरी गद्दी और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के महंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेंद्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद सेना ने एक बार फिर अभी भूमि खाली कराने के लिए पहल शुरू कर दी है। सेना की ओर से प्रयागराज मेला प्राधिकरण को भूमि की पैमाइश कराने के लिए कहा गया है। बड़े हनुमान मंदिर के आसपास मूल मंदिर के अलावा परिसर का क्षेत्र काफी बड़ा है। इसमें कई दुकानें बन गई। मौजूदा समय वहां लड्डू के अलावा, पूजा और प्रसाद की कई अवैध दुकानों का निर्माण करा लिया गया है।
इन दुकानों का संचालन मंदिर प्रबंधन ही अपने आदमियों से करवा रहा है और इससे हर महीने लाखों रुपये की कमाई की जा रही है। इसके अलावा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबंधन ने रैंप का भी निर्माण कराया है। यह रैंप भी मंदिर को आवंटित भूमि के अलावा है। इस पर सेना ने आपत्ति जताई है।
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