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प्रदेश में पशुओं में लंपी वायरस की रोकथाम के लिए प्रभावित 21 जिलों में टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। इसके तहत बायोफेंसिंग के लिए इन जिलों में 17 लाख 50 हजार टीके उपलब्ध कराए गए हैं।
सात मंडल के 21 जिलों में लंपी के अधिक मामले सामने आए हैं। इन मंडलों में नौ वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाते हुए टीम 9 का गठन किया गया है। ये अधिकारी चार सितंबर को मुख्यमंत्री को टीकाकरण की रिपोर्ट सौंपेंगे।
इसके आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंपी वायरस के खिलाफ अभियान में नई रणनीति पर फैसला लेंगे। दरअसल लंपी से प्रभावित इन जिलों में 25 गो आश्रय केंद्र हैं। सरकार की मंशा है कि यहां सर्वाधिक सावधानी बरती जाए, जिससे बीमारी का प्रसार न हो।
कोविड कमांड सेंटर की तरह बनाए कंट्रोल रूम
पश्चिमी यूपी के जिलों में कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर लंपी वायरस से बचाने के लिए कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। ये कंट्रोल रूम 24 घंटे काम कर रहे हैं। इसके जरिए वायरस के प्रभाव और संक्रमण के प्रसार पर नजर रखी जा रही है।
लंपी वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा गायें हैं। भैंसों में इसका संक्रमण न के बराबर है। संक्रमित पशुओं के नाक और मुंह से पानी व लार गिरने लगती है। तेज बुखार होता है और जानवर खाना छोड़े देते हैं। ऐसे पशुओं के मुंह व गर्दन के आसपास की चमड़ी के नीचे पहले छोटे-छोटे दाने निकलते हैं। फिर ये दाने घाव में बदल जाते हैं।
इन 21 जिलों में मिले लंपी वायरस के संक्रमित
मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, बागपत, हापुड़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं, अलीगढ़, हाथरस, एटा, मथुरा और फिरोजाबाद।
यह है बायोफेंसिंग
पशुपालन निदेशक डॉ. इंद्रमणि ने बताया कि जहां लंपी वायरस से संक्रमित पशु मिलते हैं, वहां से 500 मीटर की दूरी से टीकाकरण शुरू होता है। फिर पांच किमी या इससे ज्यादा की परिधि में उस पूरे गांव में टीकाकरण चक्र बनाकर पशुओं को टीका लगाया जाता है, जिससे वायरस आगे न बढ़े। इसे बायोफेंसिंग कहते हैं। जिस जिले में संक्रमित पशुओं की संख्या ज्यादा है, उस जिले में इसी तरह से चक्र बनाया जाता है ताकि वायरस आगे न बढ़ सके।
विस्तार
प्रदेश में पशुओं में लंपी वायरस की रोकथाम के लिए प्रभावित 21 जिलों में टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। इसके तहत बायोफेंसिंग के लिए इन जिलों में 17 लाख 50 हजार टीके उपलब्ध कराए गए हैं।
सात मंडल के 21 जिलों में लंपी के अधिक मामले सामने आए हैं। इन मंडलों में नौ वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाते हुए टीम 9 का गठन किया गया है। ये अधिकारी चार सितंबर को मुख्यमंत्री को टीकाकरण की रिपोर्ट सौंपेंगे।
इसके आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंपी वायरस के खिलाफ अभियान में नई रणनीति पर फैसला लेंगे। दरअसल लंपी से प्रभावित इन जिलों में 25 गो आश्रय केंद्र हैं। सरकार की मंशा है कि यहां सर्वाधिक सावधानी बरती जाए, जिससे बीमारी का प्रसार न हो।
कोविड कमांड सेंटर की तरह बनाए कंट्रोल रूम
पश्चिमी यूपी के जिलों में कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर लंपी वायरस से बचाने के लिए कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। ये कंट्रोल रूम 24 घंटे काम कर रहे हैं। इसके जरिए वायरस के प्रभाव और संक्रमण के प्रसार पर नजर रखी जा रही है।
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