Magh Mela Prayagraj : ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधियों ने भूमि पूजन से किया इन्कार, मेला प्रशासन के आग्रह को ठुकराया

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माघ मेले में शंकराराचार्य ज्योतिष्पीठ की भूमि के लिए मेलाधिकारी से वार्ता करते संत।

माघ मेले में शंकराराचार्य ज्योतिष्पीठ की भूमि के लिए मेलाधिकारी से वार्ता करते संत।
– फोटो : अमर उजाला।

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भूमि आवंटन पर पेच फंसने के बाद ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधि मेला प्रशासन के रवैये से नाराज हैं। सोमवार को द्वारका पीठ के अलावा शाकंभरी पीठ और आध्यात्म मंडल के शिविरों के लिए भूमि पूजन होना था, लेकिन प्रशासन के आग्रह के बाद भी संत नहीं पहुंचे। दिन भर अफसरों की ओर से नाराज संतों को मनाने की कोशिशें की जाती रहीं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

माघ मेले में ज्योतिष्पीठ के भूमि आवंटन पर सोमवार की शाम तक कोई रास्ता नहीं निकल सका। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अफसर ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधियों से लागतार वार्ता करते रहे। दिन भर मान-मनौव्वल चलती रही, लेकिन समाधान नहीं निकल सका। मेलाधिकारी अरविंद चौहान की ओर से संतों को भूमि पूजन करने के आमंत्रित किया गया था। इसके लिए द्वारका पीठ, आध्यात्म मंडल और शाकंभरी मठ की भूमि और सुविधाएं जारी की गई हैं। लेकिन, संतों ने साफ कह दिया कि जब तक ज्योतिष्पीठ की भूमि, सुविधाएं जारी नहीं की जाएंगी, तब तक वह किसी भी शिविर के लिए भूमि पूजन नहीं करेंगे।

ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधि ब्रह्मचारी श्रीधरानंद और शंकर चैतन्य की ओर से भूमि आवंटन के क्रम में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति दिए जाने के बाद मेला प्रशासन समाधान निकालने के लिए मंथन करता रहा। एडीएम कुंभ मेला विवेक चतुर्वेदी मनकामेश्वर मंदिर पहुंचे और उन्होंने संस्था का नाम बदलकर भूमि सुविधाएं लेने का आग्रह किया , लेकिन संत तैयार नहीं हुए। सुझाव दिया गया कि अगर ज्योतिष्पीठाधीश्वर के नाम पर भूमि सुविधा जारी करने में दिक्कत हो रही है तो बद्रिकाश्रम हिमालय के नाम पर आवंटन कर दिया जाए। 

हालांकि देर रात तक मेला प्रशासन वद्रिकाश्रम हिमालय के नाम पर ज्योतिष्पीठ की भूमि, सुविधा जारी करने पर निर्णय नहीं ले सका था। दो पीठों ज्योतिष्पीठ और द्वारका पीठ के शंकराचार्य रहे जगदगुरु स्वामी स्वरूपानंद की चार संस्थाओं के शिविर त्रिवेणी मार्ग पर एक साथ लगते रहे हैं। श्रीधरानंद ने पूर्व में 2017 के मेले के दौरान हुए भूमि विवाद का भी हवाला दिया है। उन्होंने बताया कि ज्योतिष्पीठ की भूमि सुविधाएं किसी भी दशा में नहीं छोड़ी जा सकती हैं। अगर मेला प्रशासन ज्योतिष्पीठ की भूमि आरक्षित करेगा तो वह मेले में प्रवेश नहीं करेंगे।

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ज्योतिष्पीठ की भूमि-सुविधा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में ही जारी की जा सकती है। संतों को समझाने की कोशिश की जा रही है। उनसे वार्ता का क्रम जारी है, ताकि समाधान निकाला जा सके। – अरविंद चौहान, मेलाधिकारी।

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भूमि आवंटन पर पेच फंसने के बाद ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधि मेला प्रशासन के रवैये से नाराज हैं। सोमवार को द्वारका पीठ के अलावा शाकंभरी पीठ और आध्यात्म मंडल के शिविरों के लिए भूमि पूजन होना था, लेकिन प्रशासन के आग्रह के बाद भी संत नहीं पहुंचे। दिन भर अफसरों की ओर से नाराज संतों को मनाने की कोशिशें की जाती रहीं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

माघ मेले में ज्योतिष्पीठ के भूमि आवंटन पर सोमवार की शाम तक कोई रास्ता नहीं निकल सका। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अफसर ज्योतिष्पीठ के प्रतिनिधियों से लागतार वार्ता करते रहे। दिन भर मान-मनौव्वल चलती रही, लेकिन समाधान नहीं निकल सका। मेलाधिकारी अरविंद चौहान की ओर से संतों को भूमि पूजन करने के आमंत्रित किया गया था। इसके लिए द्वारका पीठ, आध्यात्म मंडल और शाकंभरी मठ की भूमि और सुविधाएं जारी की गई हैं। लेकिन, संतों ने साफ कह दिया कि जब तक ज्योतिष्पीठ की भूमि, सुविधाएं जारी नहीं की जाएंगी, तब तक वह किसी भी शिविर के लिए भूमि पूजन नहीं करेंगे।



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