Mainpuri: उपचुनाव के चलते मंडी में 30 नवंबर से बंद हो जाएगी धान की खरीद, किसानों की बढ़ेंगी मुश्किलें

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नवीन मंडी में पड़ा धान

नवीन मंडी में पड़ा धान
– फोटो : अमर उजाला

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मैनपुरी की नवीन मंडी में उपचुनाव के चलते 30 नवंबर से धान की खरीद बंद हो जाएगी। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आदेश जारी किया जा चुका है। इस आदेश से किसानों और आढ़तियों की मुश्किलें बढ़ेंगी। लगभग दस दिनों तक मंडी में व्यापार बंद रहेगा। ऐसे में किसानों को या तो रुकना होगा या फिर गैर मंडियों का रुख करना होगा।
 
आसपास के आधा दर्जन जिलों में धान की बिक्री के लिए मैनपुरी सबसे बड़ी मंडी है। यहां मैनपुरी, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, एटा समेत अन्य जिलों के किसान धान की बिक्री करने आते हैं। धान की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब किसान गेहूं की बुवाई से खाली होकर धान के विक्रय में जुटा हुआ है। इसी बीच मैनपुरी में लोकसभा उप चुनाव के लिए प्रशासन ने 30 नवंबर से दस दिसंबर तक मंडी को पूरी तरह बंद कर दिया है। 

30 नवंबर से बंद हो जाएगी मंडी 

दरअसल नवीन मंडी से ही चार दिसंबर को मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों की रवानगी होगी। पांच दिसंबर को मतदान के बाद मंडी में ही बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम रखी जाएंगीं। इसके बाद आठ दिसंबर को मतगणना कराई जाएगी। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने 30 नवंबर से लेकर मतगणना खत्म होने तक मंडी को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में इन दस दिनों में आढ़तियों और किसानों को धान के विक्रय के लिए परेशानी उठानी पड़ेगी। 

किसानों को मजबूरन या तो रुकना होगा या फिर किसी अन्य मंडी में विक्रय के लिए जाना होगा। आसपास की मंडियों में धान की खरीद कम होन के चलते किसानों को एक तरफ जहां कम कीमत मिलेगी तो वहीं भाड़ा अधिक देना होगा। ऐसे में किसान और आढ़ती परेशान हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान प्रशासन ने नहीं निकाला है। प्रशासन ने मंडी खाली कराने के लिए फरमान जारी कर दिया है। 

पहले ही खाली करा ली थीं दुकानें 

जिला प्रशासन ने अधिग्रहण की गईं नवीन मंडी की दुकानों को पहले ही खाली करा लिया था। इसके लिए 13 नवंबर तक का समय दिया गया था। लेकिन बाद में जब आढ़तियों ने दुकानें खाली नहीं की तो प्रशासन ने धान की खरीद रुकवा दी। बाद में इस शर्त पर खरीद शुरू कराई गई, कि वे दुकानें खाली कर देंगे। इसके बाद आढ़तियों ने दुकानें खाली करते हुए प्रशासन को सौंप दी थीं। 

बैरिकेडिंग का काम हुआ शुरू 

शनिवार से नवीन मंडी में बैरिकेडिंग किए जाने का काम भी शुरू हो गया है। पहले दिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की देखरेख में दुकानों के बाहर बैरिकेडिंग कराई गई। इन दुकानों में वेयर हाउस से ले जाकर ईवीएम रखी जाएंगी। इसके साथ ही खाली कराए गए नीलामी चबूतरों पर भी बैरीकेडिंग का काम शुरू हो गया है। 
 
आढ़ती सतेंद्र कुमार ने बताया कि प्रशासन ने पहले कहा था कि धान की बिक्री होती रहे, इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। लेकिन बजाय इसके प्रशासन ने जबरन मंडी में व्यापार बंद करने का आदेश जारी कर दिया। किसान जयप्रकाश ने कहा कि पता चला कि मंडी उपचुनाव के चलते बंद हो रही है। इसी के चलते जल्दी में धान का विक्रय करने के लिए मंडी पहुंचा। भीड़ अधिक होने से कीमतें कम मिल रही हैं। प्रशासन को मंडी चालू रखनी चाहिए थी। 

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मंडी सचिव एनके कोहली ने कहा कि उपचुनाव के चलते जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर मंडी का अधिग्रहण किया गया है। जब तक संभव है तब तक धान का विक्रय जारी रहेगा। कम से कम समय के लिए मंडी को बंद कराया जाएगा।  

विस्तार

मैनपुरी की नवीन मंडी में उपचुनाव के चलते 30 नवंबर से धान की खरीद बंद हो जाएगी। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आदेश जारी किया जा चुका है। इस आदेश से किसानों और आढ़तियों की मुश्किलें बढ़ेंगी। लगभग दस दिनों तक मंडी में व्यापार बंद रहेगा। ऐसे में किसानों को या तो रुकना होगा या फिर गैर मंडियों का रुख करना होगा।

 

आसपास के आधा दर्जन जिलों में धान की बिक्री के लिए मैनपुरी सबसे बड़ी मंडी है। यहां मैनपुरी, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, एटा समेत अन्य जिलों के किसान धान की बिक्री करने आते हैं। धान की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब किसान गेहूं की बुवाई से खाली होकर धान के विक्रय में जुटा हुआ है। इसी बीच मैनपुरी में लोकसभा उप चुनाव के लिए प्रशासन ने 30 नवंबर से दस दिसंबर तक मंडी को पूरी तरह बंद कर दिया है। 

30 नवंबर से बंद हो जाएगी मंडी 

दरअसल नवीन मंडी से ही चार दिसंबर को मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों की रवानगी होगी। पांच दिसंबर को मतदान के बाद मंडी में ही बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम रखी जाएंगीं। इसके बाद आठ दिसंबर को मतगणना कराई जाएगी। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने 30 नवंबर से लेकर मतगणना खत्म होने तक मंडी को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में इन दस दिनों में आढ़तियों और किसानों को धान के विक्रय के लिए परेशानी उठानी पड़ेगी। 



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