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मैनपुरी के विकासखंड किशनी के गांव परशुरामपुर में जल निकासी की व्यवस्था न होने से घरों और बरसात का पानी गलियों में भरा हुआ है। शिकायतों के बाद भी जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने पलायन का एलान कर दिया। ग्रामीणों ने अपने घरों की दीवारों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख दिया है। यह भी लिखा कि जलभराव से परेशान होकर वह मकान बेचकर पलायन कर रहे हैं।
गांव परशुरामपुर में वर्ष 2003 में अंबेडकर ग्राम योजना के तहत सीसी मार्गों का निर्माण कराया गया था। सीसी निर्माण कराते समय नाले के पूरे हिस्से को नहीं बनवाने से जलभराव की समस्या सामने आई। गांव की अधिकतर गलियां गंदे पानी और कचरे से भरी पड़ी हुई हैं। इससे ग्रामीण खासे परेशान हैं।
गलियों में लगातार गंदा पानी भरे होने से जानलेवा बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। गांव में एक दो मकान जलभराव के कारण गिरने की स्थिति में पहुंच गए हैं। गलियों में गंदा पानी भरने से छात्र छात्राओं को स्कूल जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। अभिभावक बच्चों को गांव के बाहर पहुंचकर स्कूल की ड्रेस पहनाते हैं। मंगलवार को ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन करके जलभराव की समस्या से निजात दिलाने की मांग की।
गांव में बीमारियों का खतरा
गांव की हंसमुखी देवी ने बताया कि काफी समय से गलियों में गंदा पानी भरा हुआ है। पानी से उठने वाली बदबू से लोगों को पेरशानी हो रही है। मक्खी-मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ गया है। जिससे बीमारियां फैलने का खतरा मंडराने लगा है। मीना देवी ने कहा कि जलभराव होने से लोग अपने जानवरों को गांव के बाहर खेतों में बांध रहे हैं। खेतों में जानवरों को बांधने से हर समय भय सताता रहता है कि कहीं कोई जहरीला कीड़ा जानवरों को काट ना ले।
ग्रामीण मानसिंह ने कहा कि जलभराव की समस्या को लेकर कई बार ब्लाक कार्यालय में शिकायत की गई। लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। क्षेत्रीय विधायक को भी समस्या से अवगत कराया गया। लेकिन समाधान नहीं हुआ। दलेल सिंह ने कहा कि कई महीनों से रास्ते में गंदा पानी भरे होने की शिकायत डीएम से भी की थी। लेकिन कोई हल नहीं निकला। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हम लोग गांव छोड़कर चले जाएंगे।
एसडीएम किशनी आरएन सिंह ने कहा कि समस्या की जानकारी नहीं है। आपके द्वारा जानकारी मिली है। बीडीओ व अपनी टीम को मौके पर भेजकर जांच कराई जाएगी। जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।
विस्तार
मैनपुरी के विकासखंड किशनी के गांव परशुरामपुर में जल निकासी की व्यवस्था न होने से घरों और बरसात का पानी गलियों में भरा हुआ है। शिकायतों के बाद भी जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों ने पलायन का एलान कर दिया। ग्रामीणों ने अपने घरों की दीवारों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिख दिया है। यह भी लिखा कि जलभराव से परेशान होकर वह मकान बेचकर पलायन कर रहे हैं।
गांव परशुरामपुर में वर्ष 2003 में अंबेडकर ग्राम योजना के तहत सीसी मार्गों का निर्माण कराया गया था। सीसी निर्माण कराते समय नाले के पूरे हिस्से को नहीं बनवाने से जलभराव की समस्या सामने आई। गांव की अधिकतर गलियां गंदे पानी और कचरे से भरी पड़ी हुई हैं। इससे ग्रामीण खासे परेशान हैं।
गलियों में लगातार गंदा पानी भरे होने से जानलेवा बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। गांव में एक दो मकान जलभराव के कारण गिरने की स्थिति में पहुंच गए हैं। गलियों में गंदा पानी भरने से छात्र छात्राओं को स्कूल जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। अभिभावक बच्चों को गांव के बाहर पहुंचकर स्कूल की ड्रेस पहनाते हैं। मंगलवार को ग्रामीणों ने गांव में प्रदर्शन करके जलभराव की समस्या से निजात दिलाने की मांग की।
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